बेटे की लाश पर पिता का बिस्तर

बेटे की लाश पर पिता का बिस्तर

ज़ी मीडिया ब्यूरो
घर के चिराग का घर में ही कत्ल कर दिया गया ।साजिश को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि वारदात की जानकारी किसी को नहीं हो सकी ।हर कोई यही मानकर चल रहा था कि घर के बेटे रामकुमार को किसी ने अगवा कर लिया है । परेशान घरवालों ने पुलिस को भी उसकी गुमशुदगी की सूचना दे दी। पुलिस ने अपनी ओर से मामले की हर एंगल से तलाश की लेकिन उसको भी पता नहीं लगा सका कि रामकुमार को किसने और क्यों अगवा किया है। थक हार कर पुलिस ने केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया ।

पुलिस निराश हो चुकी थी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था ।एक दिन हुई जोरदार बारिश ने उसकी गुमशुदगी का राज खोल दिया और तब पता चला कि रामकुमार कहीं गुम नहीं हुआ था बल्कि उसका कत्ल किया गया था और उसकी लाश भी घर में ही ठिकाने लगाई गई थी। घर के जिस कोने में बेटे की लाश ठिकाने लगाई गई थी ,ऐन वहीं उसके पिता चंद्रपाल अपना बिस्तर लगाता था ।

बूढ़े चंद्रपाल को नहीं मालूम था कि घर में जिस चारपाई पर बिस्तर बिछाकर रोज रात वो गहरी नींद लेता है उसके नीचे ही उसके बेटे की कब्र बनी हुई है ।उसे नहीं मालूम था कि जिस बेटे की तलाश में वो महीनों से दर दर की ठोकरें खा रहा है उसकी लाश के ऊपर ही उसकी चारपाई बिछी हुई है लेकिन महीनों बाद जब भारी बारिश की वजह से घर तरबतर हो गया तो उसके साथ ही बेटे की गुमशुदगी का राज भी खुलकर सामने आ गया ।

बारिश की वजह से फूस की छत से पानी टपकने लगा और पूरे घर में बारिश का पानी भर गया ।इसी वजह से जमीन में गड़ी रामकुमार की लाश भी फूलने लगी और जिस जगह चंद्रपाल की चारपाई बिछी हुई थी वो भी लाश के फैलने की वजह से असमतल हो गई । हैरान परेशान चंद्रपाल ने फावड़े से उस जगह को समतल करने की कोशिश की तो मिट्टी में दबी रामकुमार की लाश नजर आई ।

कातिलों ने रामकुमार के मुंह में अंगोछा घुसाकर दुपट्टे से उसका गला घोंट ड़ाला था और वारदात के बाद लाश को छिपाने के लिए कमरे में पहले से बिछी चारपाई को हटाकर वहीं गड्ढा खोदकर उसे दफ़्न कर दिया था ।बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला घोंटकर कत्ल किये जाने की पुष्टि हुई ।

करीब छह महीने से गुम रामकुमार की गुमशुदगी का राज खुल चुका था।उसके ही घर से पुलिस ने उसकी लाश बरामद कर ली थी लेकिन उसके सामने अब बड़ी चुनौती कातिल का पता लगाने की थी क्योंकि जिस शातिराना अंदाज में इस वारदात को अंजाम दिया गया था उससे ये साफ हो गया था कि पूरी साजिश काफी सोच समझ कर बनाई गई है ।

बुजुर्ग दंपत्ति को अपने बेटे के लिए सुंदर सी बहू की तलाश थी। घर पर एक रिश्ता भी आया ।शादी की मध्यस्थता करने वाला उनका भांजा संतोष उनकी होने वाली बहू को लेकर उनके घर भी आया। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि होने वाली बहू के रूप घर आने वाली युवती उनके बुढ़ापे के सहारे के छिन जाने की वजह बन जायेगी ।

बेटे की शादी का रिश्ता आया साथ में होने वाली दुल्हन भी चंद्रपाल के घर आई लेकिन इस बूढ़े पति पत्नी को नहीं मालूम था कि उनके घर रिश्ता लेकर आने वाला उनका भांजा ही उनके बेटे का कातिल बन जायेगा ।बेटे का घर बसाने की उनकी चाहत एक दिन उसको अपने ही बेटे की लाश ढोने के लिए मजबूर कर देगी।

ये पूरी कहानी अवैध संबंधों को दिखाने वाली एक ऐसी कड़वी हकीकत है जिसपर एकबारगी भरोसा नहीं होता ।लेकिन एक बूढ़े पिता का गुमसुम चेहरा बूढ़ी मां की रोने की आवाज और आंगन में बैठे पड़ोसियों के उदास चेहरे पूरी कहानी बयां कर देते हैं ।एक ऐसी कहानी जिसमें एक साथ तीन तीन परिवार बर्बाद हो गये।

First Published: Tuesday, December 24, 2013, 00:30

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