Last Updated: Tuesday, March 18, 2014, 09:04

नई दिल्ली : सर्दी के मौसम की विदाई और गर्मी की आहट के बीच पूरे देश में रंगों का पर्व होली पारंपरिक हषरेल्लास और भाइचारे के साथ मनाया गया। इस दौरान अलग अलग स्थानों पर लोगों ने रंग गुलाल लगाए और जगह जहग गीत-संगीत का कार्यक्रम हुआ।
क्या युवक और क्या बुजूर्ग रंगों का त्योहार मनाने में वृंदावन की विधवाएं भी पीछे नहीं रही। ढोलक एवं मंजिरा की थाप पर नाचते गाते लोग एक दुसरे को गुलाल लगाकर शुभाकामना दे रहे थे। लोग एक दूसरे को मिठाई भी खिला रहे थे।
हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार होली के त्योहार के पीछे प्रह्लाद की कहानी है जिसमें राक्षसी होलिका के साथ आग में बैठने के बावजूद प्रह्लाद को आग की लपटों से कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। जबकि आग से कोई नुकसान पहुंचने के वरदान के बावजूद होलिका जल जाती है। यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। हिन्दू महीना फागुन कल समाप्त हुआ और आज चैत्र का पहला दिन है। अन्य दिनों की तुलना में आज ठंड का नामोनिशान नहीं था जिसके कारण लोग उल्लास के साथ होली खेलने निकले।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमसेहन सिंह ने होली के अवसर पर लोगों को शुभकामना देते हुए कहा कि यह त्योहार एकता और भाइचारे के बंधन को मजबूत बनाने का संदेश देता है। संप्रग 2 के कार्यकाल में पहली बार प्रधानमंत्री ने अपने कर्मचारियों के साथ होली मनाई। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 18, 2014, 08:54