मछुआरा मामला: SC का केंद्र, तमिलनाडु को नोटिस

मछुआरा मामला: SC का केंद्र, तमिलनाडु को नोटिस

मछुआरा मामला: SC का केंद्र, तमिलनाडु को नोटिसनई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को पकड़े जाने से सुरक्षित करने की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी.सतशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने कहा कि वे न सिर्फ मछुआरों को पकड़ रहे हैं, बल्कि उनकी नावों को भी क्षति पहुंचा रहे हैं।उन्हें महीनों बाद छोड़ा जा रहा है।

इस नोटिस पर जवाब चार सप्ताह के भीतर देना है। न्यायमूर्ति सतशिवम ने कहा कि हम इस बात से खुश हैं कि तमिलनाडु के सभी सांसद अपनी-अपनी पार्टी से ऊपर उठते हुए इस मसले पर एकजुट हैं। न्यायालय ने कहा कि सिर्फ दिखावे के लिए इस मसले का समाधान राजनीतिक या कूटनीतिक रूप से करना आसान नहीं है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसद ए.के.एच. विजयन और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के एक अन्य सांसद ने न्यायालय में याचिका दायर की थी।

उच्चतम न्यायालय ने द्रमुक के सांसद एकेएस विजयन और अन्ना द्रमुक के सांसद एम थम्बीदुरई तथा कुछ अन्य लोगों की ओर से दायर दो अलग अलग याचिकाओं पर केंद्र एवं तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया। इन याचिकाओं में श्रीलंकाई जेलों में बंद मछुआरों की रिहाई को लेकर मांग की गई है। न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को अपने जवाब दाखिल करने का आदेश जारी करने के साथ ही यह भी कहा कि श्रीलंकाई नौसेना के हमले से मछुआरों की रक्षा की जाए।

पीठ ने कहा कि हम सभी खुश हैं कि तमिलनाडु के सभी सांसद इस पर एकजुट है। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य हमारे सामने हैं। हम जानना चाहते हैं कि क्या मछुआरों के लिए यह जान पाना संभव है कि उन्हें कहां रूकना है। याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से यह आदेश देने की गुहार लगाई है कि इस मामले पर गौर के लिए एक विशेषज्ञ इकाई का गठन किया जाए और मछुआरों की रिहाई के लिए कूटनीतिक माध्यम से कदम उठाया जाए। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 25, 2013, 13:48

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