एनजीओ को विदेशी फंडिंग पर गृह मंत्रालय की टेढ़ी नजर

एनजीओ को विदेशी फंडिंग पर गृह मंत्रालय की टेढ़ी नजर

नई दिल्ली : स्वयंसेवी संगठन विदेशी अंशदान के रूप में हर साल 11,500 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि जुटा रहे हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय ने आगाह किया है कि देश में कार्यरत गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) मनी लांडरिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के जोखिम की दृष्टि से संवेदनशील हैं।

स्वयंसेवी एसोसिएशनों द्वारा विदेशी अंशदान की प्राप्ति और उपयोग पर ताजा वार्षिक रिपोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा कि एनजीओ का कार्य चूंकि सरकार के दायरे से बाहर स्वतंत्र होता है, इसलिए ऐसी उम्मीद है कि एनजीओ स्वनियमन वाले और कानून का पालन करने वाले होने चाहिए।

स्वयंसेवी क्षेत्र पर राष्ट्रीय नीति का एक उद्देश्य यह भी है कि एनजीओ को शासन और प्रबंधन की पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जानना आवश्यक है कि भारत में एनजीओ सेक्टर मनी लांडरिंग एवं आतंकवाद के वित्तपोषण के जोखिम की दृष्टि से संवेदनशील है।

केन्द्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने प्राक्कथन में कहा कि भारत सरकार की सामान्य नीति है कि विदेशी अंशदान मांगने को प्रोत्साहित नहीं किया जाए और मंत्रालय का प्रयास रहा है कि विदेशी अंशदान (नियमन) कानून के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही हो और साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। दिलचस्प बात यह है कि 19 हजार के लगभग संगठनों के रिटर्न नहीं मिले हैं, जिसके लिए गृह मंत्रालय ने वैधानिक प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं करने के लिए उचित कार्रवाई की है।

विदेशी अंशदान (नियमन) कानून के तहत 31 मार्च 2012 तक कुल 43, 527 एनजीओ पंजीकृत हैं। वर्ष 2011-12 के दौरान 22, 702 एनजीओ ने 11, 546.29 करोड़ रूपये के विदेशी अंशदान की प्राप्ति की सूचना दी। जिन एनजीओ ने विदेशी अंशदान हासिल करने की सूचना दी, उनमें चेन्नई की वर्ल्ड विजन आफ इंडिया को सबसे अधिक 233.38 करोड़ रूपये का विदेशी अंशदान मिला। केरल के बिलीवर्स चर्च इंडिया पठनमथिट्टा को 190 करोड रूपये, आंध्र प्रदेश में अनंतपुर के रूरल डेवलपमेंट ट्रस्ट को 144.39 करोड रूपये, दिल्ली के इंडियन सोसाइटी आफ चर्च आफ जीसस क्राइस्ट आफ लैटर डे सेंट्स को 130.77 करोड़ रूपये और दिल्ली के ही पब्लिक हेल्थ फाउण्डेशन आफ इंडिया को 130.31 करोड़ रूपये हासिल हुए।

विदेशी दानदाताओं में अमेरिका के कंपैशन इंटरनेशनल ने सबसे अधिक 99.20 करोड रूपये का अंशदान किया। उसके बाद मारिशस एचसीएल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने 69.98 करोड़ रूपये, ब्रिटेन के एक्शन एड ने 62.66 करोड़ रूपये, अमेरिका के पापुलेशन सर्विस इंटरनेशनल ने 61.34 करोड़ रूपये और अमेरिका के ही बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउण्डेशन ने 48.91 करोड़ रूपये का अंशदान किया। पांच बड़े दानदाता देश अमेरिका (3838.23 करोड़ रूपये), ब्रिटेन (1219.02 करोड़ रूपये), जर्मनी (1096.01 करोड़ रूपये), इटली (528.88 करोड़ रूपये) तथा नीदरलैंड (418.37 करोड़ रूपये) हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 19, 2014, 20:22

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