Last Updated: Monday, October 14, 2013, 12:11
पुणे : पूर्व केंद्रीय मंत्री व योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोहन धारिया का लंबी बीमारी के बाद यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। एक पारिवारिक मित्र ने सोमवार को यह जानकारी दी। धारिया 89 साल के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी शशिकला, बेटे सुशील व रवींद्र और बेटी साधना श्रॉफ हैं।
उन्हें गुर्दे की बीमारी के इलाज के लिए सदाशिवपेठ में पुणे हॉस्पिटल में बीते शनिवार को भर्ती कराया गया था लेकिन उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। करीब पांच दशक से धारिया के मित्र रहे चंद्रकांत इंगुलकर ने बताया कि उन्होंने सोमवार सुबह करीब 7.55 बजे अंतिम सांस ली। इंगुलकर ने बताया कि बड़े बेटे सुशील के अमेरिका से लौटने के बाद धारिया के अंतिम संस्कार के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
पेशे से वकील व लोकसभा और राज्यसभा के दो बार सदस्य रह चुके धारिया राज्य स्तरीय व राष्ट्र स्तरीय राजनीति का जाना-पहचाना नाम हैं। वह 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में राज्य मंत्री रहे हैं। लेकिन 1975 में आपातकाल लागू होने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी।
वह भारतीय लोकदल में शामिल हो गए थे और 1977 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में वाणिज्य मंत्री बने थे। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाद शहर में 14 फरवरी, 1925 को जन्मे धारिया ने पुणे जाने से पहले यहीं अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने आईएलएस लॉ कॉलेज से अपनी कानूनी पढ़ाई पूरी की। राजनीति में पांच दशक के सक्रिय जीवन के बाद वह एक समर्पित पर्यावरणविद बन गए और किसानों के अधिकारों के लिए काम किया। कई अन्य सम्मानों के साथ धारिया को 2005 में उनके सामाजिक कार्यो के लिए देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 14, 2013, 12:11