Last Updated: Monday, February 17, 2014, 08:37
सूरत : ब्रिटेन के एक इतिहासकार ने हाल ही में आयोजित एक व्याख्यान में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों- भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को ‘आतंकियों’ की संज्ञा देकर विवाद पैदा कर दिया है।
‘1915-1947 के दौरान भारत में अहिंसक विरोध’ विषय पर व्याख्यान देते हुए वारविक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड हार्डीमेन ने कहा, ‘जिन आतंकी समूहों ने महात्मा गांधी को शिकार बनाया, वे उनके अहिंसक आंदोलन के साथ ही कहीं मौजूद थे।’’ ब्रिटेन के इतिहास के प्रोफेसर ने कहा, ‘इनमें से कुछ मशहूर हस्तियां थीं भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद। ये हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन और हिंदुस्तान रिपब्लिक सोशलिस्ट एसोसिएशन में शामिल थे।’
14 फरवरी को 24वें आईपी देसाई मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए हार्डीमेन ने यह भी कहा कि गांधी के आंदोलन को दूसरे तरीकों से विरोध की वजह से लाभ मिला। उन्होंने कहा, ‘हर अहिंसक आंदोलन का एक हिंसक समूह होता है जो उन्हीं लक्ष्यों को सशस्त्र आंदोलन के जरिए हासिल करना चाहता है। यह समूह अक्सर बम हमलों, गोलीबारी और हत्याओं जैसे आतंकी कार्यों में शामिल रहता है। अहिंसक आंदोलन को इसलिए फायदा मिला क्योंकि प्रशासन को लगता था कि खतरनाक आतंकियों की तुलना में इनसे निपटना ज्यादा आसान है।’
भारतीय क्रांतिकारियों के खिलाफ हार्डीमेन की टिप्पणियों से दर्शक क्रोधित हो गए और उन्होंने उन्हें अपनी बात स्पष्ट करने के लिए कहा। इसके बाद हार्डीमेन ने कहा, ‘मैंने आतंकी शब्द का इस्तेमाल एक अपमानजनक शब्द के रूप में नहीं किया।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, February 17, 2014, 08:37