Last Updated: Thursday, January 2, 2014, 22:57

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रपति की राय (केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति द्वारा राय के लिए सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाने वाला मामला) भेजने के प्रस्ताव को सरकार ने आज मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्रालय का यह प्रस्ताव मंजूर किया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यह जानकारी संवाददाताओं को दी। इस बीच सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने एटार्नी जनरल जीई वाहनवती की राय कैबिनेट के समक्ष रखी, जिन्होंने कहा है कि गांगुली के खिलाफ मामला बन सकता है।
अब प्रस्ताव को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजा जाएगा, जो मामले को भारत के प्रधान न्यायाधीश को भेजेंगे और जिसमें तीन बिन्दुओं के आधार पर इस प्रकरण की जांच की बात होगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग संबंधी पत्र राष्ट्रपति को भेजे जाने के बाद एटार्नी जनरल की राय मांगी गयी थी।
गांगुली पर एक महिला इंटर्न के साथ अशोभनीय बर्ताव का आरोप लगा है हालांकि न्यायमूर्ति गांगुली ने आरोप से इंकार करते हुए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटने से मना किया है। सूत्रों ने कहा कि एटार्नी जनरल से तीन मुद्दों पर राय मांगी गयी थी कि इन्हें लेकर कोई मामला बन सकता है या नहीं। ये मुद्दे हैं- गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीडन का आरोप, पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित किये बिना पाकिस्तान यात्रा और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर होने के बावजूद अखिल भारतीय फुटबाल फेडरेशन की मध्यस्थता का मामला लिया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 2, 2014, 22:57