Last Updated: Saturday, April 19, 2014, 11:13
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/श्रीनगर : भाजपा ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कश्मीर समस्या पर बातचीत करने के लिए दो लोगों को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी से मिलने के लिए भेजा था।
गिलानी के ऐसे दावों को ‘बदमाशी’ और निराधार बताकर खारिज करते हुए भाजपा ने अपने बयान में कहा कि कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के लिए मोदी के किसी भी दूत ने न तो गिलानी से मिलने का प्रयास किया है और न ही उनसे मुलाकात की है। पार्टी के बयान में साफ कहा गया है कि भाजपा हमेशा से यह मानती आई है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसमें किसी तरह की बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है। भाजपा ने गिलानी से मांग की है कि या तो वह मोदी के उन दो दूतों के नाम बताएं जो उनसे मिले थे या फिर इस बयान के लिए माफी मांगें।
मालूम हो कि बुधवार को दिल्ली से वापस आने के तुरंत बाद नजरबंद किए गए गिलानी ने श्रीनगर में कहा था कि दो कश्मीरी पंडित 22 मार्च को मोदी का दूत बनकर उनके पास आए थे। उन्होंने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी से बात करें। गिलानी के मुताबिक मोदी ने ऐसा इसलिए किया ताकि अलगाववादी संगठन उनके प्रति नरमी बरतें।
बकौल गिलानी, उन्होंने मोदी के दूत से कहा कि जम्मू-कश्मीर पर नरम नीति को लेकर उन्हें मोदी से कोई उम्मीद नहीं है। गिलानी ने मोदी की पेशकश मानने से साफ इनकार करने की बात कही है। गिलानी ने कहा, `मोदी ने एक मुहिम शुरू की है और यहां के लोगों से संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने मेरे सहित अलगाववादी नेतृत्व से संपर्क किया है जो इस बात का संकेत है कि वह आजादी चाहने वाले धड़े में अपने लिए नरमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।`
First Published: Saturday, April 19, 2014, 09:51