J&K विधान परिषद के समक्ष पेश नहीं हुए वीके सिंह

J&K विधान परिषद के समक्ष पेश नहीं हुए वीके सिंह

जम्मू : पूर्व सैन्य प्रमुख वीके सिंह उनके खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के संबंध में जम्मू कश्मीर विधान परिषद के सामने दूसरी बार पेश नहीं हुए। उधर, विधानसभा ने इस प्रस्ताव को खारिज करने का उनका आग्रह ठुकरा दिया। सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के सदस्यों के बीच विधान परिषद की विशेषाधिकार समिति की वैधता के मुददे पर आमना सामना हुआ।

सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस ने विरोध में समिति की कार्यवाही से बहिर्गमन किया और उपस्थित नहीं होने पर जनरल सिंह के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की मांग की। विशेषाधिकार समिति के सदस्य देवेंद्र सिंह राणा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने समिति की वैधता के बारे में स्पष्टीकरण के लिए इस मामले को विधान परिषद के सभापति के पास भेजा।’

उन्होंने कहा, ‘समिति की कार्यवाही के दौरान, रवींद्र शर्मा (कांग्रेस) ने समिति के गठन को अवैध करार दिया क्योंकि उन्होंने कहा कि इसमें पांच सदस्य होने चाहिए, छह नहीं।’ नेशनल कांफ्रेंस के विधानपरिषद सदस्य और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के विश्वसनीय राणा ने कहा कि हमने विधि सचिव की राय मांगी है। उन्होंने कहा कि लेकिन समिति के प्रमुख ने इस मामले को विधानपरिषद के सभापति के पास भेज दिया।

राणा ने कहा, ‘मैं और मेरे सहयोगी डार साहिब और शौकत ने बैठक से बहिर्गमन किया। हमने सदन के सामने जनरल वीके सिंह की उपस्थिति के लिए गैरजमानती वारंट की मांग की।’ कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि समिति पिछले एक साल से काम कर रही है। रवींद्र शर्मा (कांग्रेस) को अचानक यह गैरकानूनी क्यों लगी? हम पार्टी :नेशनल कांफ्रेंस: में इस मामले में चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे।

इस बीच, जम्मू कश्मीर विधानसभा ने जनरल सिंह के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को खारिज करने के उनके अनुरोध को ठुकराते हुए इसे आगे की जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेजा। जम्मू कश्मीर विधानसभा के विशेष सचिव और प्रवक्ता एनआर सिंह ने यहां कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के खिलाफ पेश (15 मंत्रियों और सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित) विशेषाधिकार हनन का नोटिस आगे की जांच और रिपोर्ट के लिए विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा है।’

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जनरल सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को खारिज करने के उनके आग्रह को मानने से इंकार कर दिया। जनरल सिंह ने 13 दिसंबर 2013 को विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव खारिज करने और कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाने के लिए कहा था। उनका कहना था कि उनके बताए जा रहे कई कथन गलत हैं और उनका ‘गलत तरीके से हवाला’ दिया जा रहा है।

जनरल सिंह ने कहा था कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, यह कहा जा रहा है कि विधायकों द्वारा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के जरिये उन पर लगाए आरोप गलत हैं और यह गलत जानकारी होने का मामला लगता है। जनरल सिंह ने कुछ टीवी चैनलों को दिये अपने बयान के खिलाफ सदन के सदस्यों द्वारा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर गुल को अपना जवाब दिया था। जनरल सिंह ने टीवी साक्षात्कार के दौरान दावा किया था कि सेना जम्मू कश्मीर के नेताओं को धन देती है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 22, 2014, 23:08

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