जर्मनी के राष्ट्रपति कल से छह दिनों की भारत यात्रा पर

जर्मनी के राष्ट्रपति कल से छह दिनों की भारत यात्रा पर

नई दिल्ली : जर्मनी के राष्ट्रपति जोएशिम ग्वेक छह दिनों की भारत यात्रा पर कल यहां पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर विचार विमर्श करेंगे। भारत में जर्मन राजदूत माइकल स्टीनर ने उनकी यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के साथ 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा। इसमें 15 सदस्य उद्योग जगत से होंगे। जर्मन राष्ट्रपति इस यात्रा के दौरान अपने समकक्ष प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे। उपराष्ट्रपति, नेता प्रतिपक्ष और संप्रग अध्यक्ष जर्मन राष्ट्रपति से भेंट करेंगे।

राजदूत ने कहा कि यात्रा के दौरान दोनों देशों के एक अरब यूरो के हरित गलियारा क्षेत्र में वित्तीय तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर करने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में सिंह की बर्लिन यात्रा के दौरान समझौते पर विचार विमर्श किया गया था और इसे अंतिम रूप दिया गया था। उन्होंने कहा, जर्मनी विश्व में सबसे बड़े एकल बाजार के लिए भारत का प्रवेशद्वार है। दोनों यात्राओं के बीच ठीक तरीके से सहयोग हो रहा है। आगे बढ़ने का यह बेहतरीन मौका है।

यह पूछे जाने पर कि क्या जर्मन राष्ट्रपति दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात करेंगे, माइकल स्टीनर ने कहा, मैंने रिपोर्टें पढ़ी हैं..। मैं इस बारे में ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता। हम एक निर्वाचित मुख्यमंत्री की बात कर रहे हैं जो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब यह है कि ग्वेक और केजरीवाल की मुलाकात नहीं हो रही है, स्टीनर ने कहा, मैंने यह नहीं कहा। उन्होंने इस संबंध में आगे टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। राष्ट्रपति द्वारा 26 जनवरी को आयोजित एट होम के दौरान स्टीनर केजरीवाल से मिले थे और कहा था कि राष्ट्रपति ग्वेक अगले महीने भारत की यात्रा पर आने वाले हैं और मुलाकात के उनके अनुरोध को मुख्यमंत्री के कार्यालय ने अस्वीकार कर दिया है।

राजदूत ने कहा, श्री मुख्यमंत्री, चूंकि आप दोनों नागरिक अधिकार आंदोलन से सामने आए हैं, हम आप दोनों की मुलाकात चाहते थे। हालांकि आपके कार्यालय ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। केजरीवाल ने जवाब दिया कि वह निश्चित रूप से अपने कुछ कार्यक्रमों में फेरबदल करेंगे और जर्मन राष्ट्रपति से मिलने की संभावना पर काम करेंगे। बैठक के लिए ‘शिक्षा, भाषा और गतिशीलता’ को मुद्दा बताते हुए राजदूत ने कहा कि 21वीं सदी में जर्मनी भारत का रणनीतिक सहयोगी है और उसने इन क्षेत्रों में सहयोग में तेजी लायी है। इतालवी मरीनों की सुनवाई के बारे में स्टीनर ने कहा कि यह भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है तथा इसका सुचारू रूप से हल किया जाना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Monday, February 3, 2014, 22:15

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