Last Updated: Saturday, November 16, 2013, 09:54

अहमदाबाद : भारत में नियुक्त जर्मनी के राजदूत माइकल स्टेनर ने शुक्रवार को कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार का बहिष्कार खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि जर्मनी किसी का समर्थन कर रहा है बल्कि वह भारत के लोकतंत्र का सम्मान करता है।
स्टेनर ने यह बात उस वक्त कही जब उनसे पूछा गया कि क्या गुजरात की उनकी तीन दिवसीय यात्रा मोदी का समर्थन है? स्टेनर ने कहा कि इसका समर्थन से कोई लेना देना नहीं है। मेरे यूरोपीय सहकर्मियों की तरह मैं एक विदेशी राष्ट्र का प्रतिनिधि हूं। हम इस बात का सम्मान करते हैं कि भारत एक ऐसा लोकतंत्र है जहां जीवंत संस्थान हैं और हमें तटस्थ रहना होगा, यही हम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, आपने मेरे भाषणों में सुना है, हम किसी नेता का समर्थन नहीं कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर क्या जर्मनी उन्हें वीजा देगा, राजदूत ने कहा, काल्पनिक चीजों पर चर्चा नहीं कीजिए बल्कि सैद्धांतिक स्थिति पर चर्चा कीजिए। मेरे देश का रूख यूरोपीय संघ के देशों की तरह है, यह भारत को सम्मान देने का है।
जर्मनी एवं यूरोपीय संघ के अन्य देशों द्वारा मोदी के लिए नयी दिल्ली में एक भोज की मेजबानी किए जाने के बाद यूरोपीय संघ के देशों ने उनका बहिष्कार खत्म कर दिया था। दरअसल, दिसंबर में उन्होंने तीसरी बार गुजरात चुनाव में जीत हासिल की थी। यूरोपीय संघ के देशों ने 2002 के दंगों के बाद मोदी सरकार पर राजनयिक बहिष्कार लागू कर दिया था। स्टेनर ने गुजरात के बारे में कहा कि यह निवेश के लिए बहुत रूचिकर राज्य है।
उन्होंने भारत की उपलब्धियों के बारे में कहा, मंगल अभियान ने भारत की क्षमताओं को साबित कर दिया है। मुझे लगता है कि दुनिया में हर कोई और मेरा देश जर्मनी भी प्रभावित हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 16, 2013, 09:52