विवेकानंद के भाषणों का प्रसार गुडविन की देन

विवेकानंद के भाषणों का प्रसार गुडविन की देन

उदगमंडलम (तमिलनाडु) : दुनिया स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मना रही है लेकिन कई लोग उनके आशुलिपिक जोसैया गुडविन के बारे में नहीं जानते हैं जिन्होंने उनके भाषणों और शिक्षाओं को अमर बनाने में अहम भूमिका निभाई।

गुडविन इंग्लैंड के पत्रकार थे जो अमेरिका चले गए थे। वह 1893 में शिकागो में दिए गए विवेकानंद के प्रसिद्ध भाषण से प्रभावित होकर कोलकाता आ गए थे। 1893 के बाद से गुडविन ने विवेकानंद के भाषणों और शिक्षाओं को मुद्रित रूप में लोगों के सामने पेश किया।

गुडविन 1897 में जनवरी से जून तक कोलंबो से अलमोड़ा के दौरे के समय विवेकानंद के साथ रहे। वह मई 1898 में विवेकानंद के साथ तत्कालीन ऊंटी (उदगमंडलम) गये थे। बीमार पड़ जाने के बाद उनका यहां इसी वर्ष दो जून को निधन हो गया। इस समय विवेकानंद अलमोड़ा में थे।

रामकृष्ण सेवा संघ के संयुक्त सचिव सी. थंगावेल ने कहा, ‘जोसैया ने ही स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को अमर और विश्व भर में लोकप्रिय बनाया।’ उन्होंने इस बात पर खेद प्रकट किया कि विवेकानंद की 150वीं जयंती के अवसर पर गुडविन की भूमिका को नजरअंदाज कर दिया गया। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 18, 2013, 14:03

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