Last Updated: Friday, November 8, 2013, 19:23

मुंबई : आम चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की जीत की उम्मीद पर भारतीय शेयरों की आगे की संभावनाओं के बारे में अपने अनुमान में सुधार करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे वैश्विक निवेश बैंक वैश्विक निवेश बैंक गोल्डमैन साक्स ने कहा है कि उसकी रपट निवेशकों की धारणा पर आधारित है और उसमें किसी तरह का राजनीतिक पक्षपात नहीं किया गया है।
गोल्डमैन साक्स ने बयान में कहा, ‘‘एशिया प्रशांत पोर्टफोलियो रणनीति संबंधी हमारी रिपोर्ट में किसी तरह के राजनीतिक पक्षपात का समावेश नहीं है। न ही इसमें गोल्डमैन साक्स या उसके किसी विश्लेषक का राजनीतिक विचार शामिल किया गया है। इसमें सिर्फ इस बात का उल्लेख है कि निवेशकों की धारणा दलों की राजनीति से प्रभावित होती है। हम इस रिपोर्ट तथा अपने अनुसंधान पर कायम हैं।’’
वैश्विक निवेश बैंक की ताजा रिपोर्ट में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ है और इसमें ऐसा संकेत दिया गया है कि आगामी आम चुनावों में भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत हो सकती है। इस रिपोर्ट को लेकर राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है।
गोल्डमैन साक्स ने आगे कहा है कि प्रतिभूति कंपनी के रूप में उसकी भूमिका एक उद्देश्यपूर्ण, निष्पक्ष तथा स्वतंत्र अनुसंधान पेश करने की है। इसमें निवेशकों को बाजार की धारणा तथा दिशा तय करने वाले आधारभूत कारकों को समझाने का प्रयास किया जाता है। साथ ही इसमें राजनीतिक कारक भी शामिल होते हैं।
गोल्डमैन साक्स की 5 नवंबर की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2014 में होने वाले अगले संसदीय चुनाव में भाजपा की अगुवाई में राजग की जीत हो सकती है। शेयर निवेशकों की निगाह में भाजपा व्यवसाय या कारोबार के लिहाज से अनुकूल है और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी बदलाव ला सकते हैं।’’
रिपोर्ट को खारिज करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शर्मा ने कहा, ‘‘हमें इस तरह के रोजाना के प्रमाणपत्र या आश्वासनों की जरूरत नहीं है। हम एक आत्मविश्वासपूर्ण राष्ट्र हैं। मेरा मानना है कि किसी भी एजेंसी या संगठन को उन्हीं क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जिसमें उनकी विशेषज्ञता है।’’
इस बीच, गोल्डमैन साक्स इंडिया के सीईओ बंटी बोहरा ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ यह राजनीतिक माहौल पर उसकी (रपट के लेखक की) राय नहीं थी, बल्कि यह बाजार कैसे देख रहा है इस पर उसका विचार था।’’
बोहरा ने कहा, ‘ अनुसंधान स्वतंत्र है, और ऐसा नहीं है कि यह मेरा विचार है। अनुसंधान विभाग स्वतंत्र रूप से कह रहा है कि क्या होने जा रहा है।’’ बोहरा के बयान से पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने यह कहते हुए निवेश बैंकर की रिपोर्ट खारिज की कि बैंकर को उन्हीं क्षेत्रों तक स्वयं को सीमित रखना चाहिए जिन पर विशेषज्ञता का वह दावा करता है और राजनीतिक अटकलों में उसे नहीं फंसना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 8, 2013, 19:23