Last Updated: Wednesday, October 30, 2013, 23:02
नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने आज कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक अगले सप्ताह होगी।
शिन्दे ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक सात नवंबर से पहले होने की उम्मीद है। सात नवंबर को ही मंत्री समूह की बैठक है, जिसका गठन आंध्र प्रदेश के विभाजन से जुडे मुद्दों पर विचार करने के लिए किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में मंत्री समूह के कार्यक्षेत्र से जुडे विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा होगी।
मंत्री समूह की बैठक दो बार हो चुकी है। इसने नदी जल, बिजली, परिसंपत्तियों के बंटवारे और सीमांकन के मुद्दों पर चर्चा कर ली है। गृह मंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने खुद द्वारा अपनाये जाने वाले नजरिये और कार्य प्रणाली पर भी चर्चा की है।
मंत्री समूह केन्द्रीय मंत्रिमंडल के लिए अपनी सिफारिशें तैयार करते समय सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विभिन्न संबद्ध पक्षों की राय लेगा। मंत्री समूह के कार्य क्षेत्र में चुनाव क्षेत्रों, न्यायपालिका, वैधानिक इकाइयों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों के लिहाज से नए राज्य और सीमांध्र की सीमाएं तय करना है।
समूह उन कानूनी और प्रशासनिक उपायों पर भी विचार करेगा जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक होंगे कि 10 साल तक हैदराबाद के तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी होने की स्थिति में दोनों राज्य सरकारें प्रभावशाली ढंग से कार्य कर सकें।
सीमांध्र की राजधानी परिवर्तित होने के लिए आवश्यक कानूनी, वित्तीय एवं प्रशासनिक उपायों पर भी मंत्री समूह विचार करेगा। यह दोनों ही राज्यों की विशेष आवश्यकताओं पर विचार कर उपाय सुझाएगा। यह दोनों ही राज्यों के पिछड़े क्षेत्रों और जिलों की विशेष जरूरतों पर विचार कर सिफारिशें देगा।
मंत्री समूह कानून व्यवस्था, सुरक्षा से जुडे मुद्दों का भी अध्ययन करेगा ताकि विभाजन के बाद क्षेत्र में शांति और सद्भाव सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा मंत्री समूह आंध्र प्रदेश के विभाजन के कारण दीर्घकालिक आंतरिक सुरक्षा प्रभावों का आकलन कर उचित सिफारिशें देगा।
मंत्री समूह नदियों के जल बंटवारे, सिंचाई संसाधन एवं अन्य प्राकृतिक संसाधन (विशेषकर कोयला, तेल एवं गैस) के बंटवारे पर भी विचार करेगा। यह विचार विमर्श मंत्री समूह के भीतर तो होगा ही, बाहर अन्य राज्यों से भी सलाह मशविरा किया जाएगा।
समूह आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद दोनों राज्यों के बीच बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण की व्यवस्था के बारे में सिफारिश करेगा और परिसंपत्तियों, सार्वजनिक वित्त, सार्वजनिक निगमों, देनदारियों से उत्पन्न मुद्दों पर भी विचार करेगा ।
मंत्री समूह की सिफारिशों में दोनों राज्यों के बीच निचले स्तर के और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का समायोजन शामिल होगा। समूह पृथक तेलंगाना के गठन से उत्पन्न अन्य किसी भी मुद्दे पर विचार करेगा और उचित सिफारिशें देगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 30, 2013, 23:01