सरकार ने केरन में घुसपैठ के सेना के दावे से किया इनकार

सरकार ने केरन में घुसपैठ के सेना के दावे से किया इनकार

नई दिल्ली : केरन सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ के दौरान वहां घटित घटनाओं पर उठे प्रश्नों के बीच सरकार ने सेना के दावे को नकारते हुए कहा है कि घुसपैठ के प्रयास का कोई साक्ष्य नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हाल में यहां हुई उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के दौरान महसूस किया गया कि रिसेप्शन एरिया में आतंकवादियों को घेरने के लिए सेना को उसकी किलेबंदी करनी चाहिए। सरकार का मानना है कि नियंत्रण रेखा से चार-पांच किलोमीटर तक भारतीय क्षेत्र में सेना उन आतंकवादियों को पकड़ सकती है जो घुसपैठ विरोधी अभियान से बच निकलते हैं।

रिसेप्शन एरिया सामान्यत: नियंत्रण रेखा से पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित होता है जिसका गठन सेना उन सभी आतंकवादियों को निष्क्रिय करने में करती है जो सीमा पर बच निकलने में सफल रहते हैं। सूत्रों ने कहा कि बैठक में जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बीच में बंटे शालभट्टू गांव में पाकिस्तान के विशेष बलों की तरफ से घुसपैठ के प्रयास को सरकार ने संदिग्ध माना क्योंकि किसी अन्य एजेंसी के पास इसके साक्ष्य मौजूद नहीं थे। शालभट्टू गांव 1990 के दशक में घुसपैठ के लिए सबसे ज्यादा प्रयुक्त मार्गों में से एक था। सूत्रों ने कहा कि बैठक में सेना के एक प्रतिनिधि ने भी शिरकत की थी और इसमें तकनीक खुफिया को भी ध्यान में रखा गया जो सेना के किसी भी दावे से मेल नहीं खाता था।

केरन अभियान पर सेना सभी संदेहों को खारिज कर चुकी है और कहा कि नियंत्रण रेखा पर सेना का दबदबा है और हर समय वे अपनी चौकियों के संपर्क में रहते हैं। अगस्त के अंतिम हफ्ते में शुरू हुआ केरन अभियान करीब दो सप्ताह के बाद खत्म हुआ था।

सुरक्षा बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि दो अन्य इलाकों गुज्जर डोर और फतेह गली में घुसपैठ के दो बड़े प्रयास हुए न कि केरन सेक्टर में। सेना ने राज्य पुलिस में दर्ज कराई अपनी प्राथमिकी में दावा किया कि तीन आतंकवादी मारे गए लेकिन उन्होंने केवल दो शव सौंपे और कहा कि तीसरे को भी बरामद किया जा सकता है क्योंकि यह नियंत्रण रेखा पर पड़ा हुआ है।

इसके बाद राज्य पुलिस ने जांच शुरू की और बैठक में अपनी रिपोर्ट को साझा किया जिसमें इसने कहा कि इस वर्ष 4-5 अक्टूबर की रात पीओके के आठमुकाम की तरफ से नौ आतंकवादियों के समूह ने प्रवेश किया जिनमें से दो मारे गए और सात अन्य घुसपैठ करने में सफल रहे।

दूसरी घटना में सेना ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि चार आतंकवादियों ने घुसपैठ की और केरल क्षेत्र से 30 किलोमीटर दूर फतेहगली में मारे गए। सूत्रों ने कहा कि बहरहाल पुलिस ने कहा कि घटना के दौरान पांच आतंकवादी घुसने में सफल रहे थे।

केरन में घुसपैठ के बारे में सेना का दावा निगरानी के दायरे में आ गया था क्योंकि इसमें दावा किया गया था कि करीब 30 आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी और उन्हें घेर लिया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बहरहाल सेना किसी आतंकवादी या हथियार का पता नहीं लगा सकी या केरन के शालभट्टू गांव में घुसपैठ के किसी संकेत के बारे में नहीं बता सकी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 13, 2013, 18:26

comments powered by Disqus