Last Updated: Friday, January 3, 2014, 15:29

नई दिल्ली : सरकार सीबीआई निदेशक को हटाने के प्रावधानों पर विचार कर रही है। विनीत नारायण फैसले में उच्चतम न्यायालय के 1997 के फैसले के बाद सीबीआई प्रमुख का दो साल का तयशुदा कार्यकाल होता है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस के पहले जारी रिपोर्ट कार्ड में कहा कि सरकार सीबीआई को और अधिक स्वायत्तता देने का विचार कर रही है, जिसमें एक मुददा निदेशक को हटाने के प्रावधान से जुड़ा है।
सीबीआई 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला सहित भ्रष्टाचार के कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रही है। इन सभी मामलों के कारण पिछले तीन साल में सरकार की किरकिरी हुई है। पिछले साल कानून मंत्री अश्वनी कुमार को इस्तीफा देना पड़ा था। मामला यह था कि वह और प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारी कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले पर सीबीआई की मसौदा स्थिति रिपोर्ट को बदलने में शामिल थे। विनीत नारायण फैसले में उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई निदेशक का कार्यकाल न्यूनतम दो साल के लिए तय किया था ताकि अधिकारी स्वतंत्रतापूर्वक कार्य कर सके।
उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई निदेशक का न्यूनतम कार्यकाल दो साल का होना चाहिए। इससे सुनिश्चित होगा कि किसी योग्य अधिकारी की सिर्फ इसलिए अनदेखी न होने पाए कि उसके पास रिटायर होने का दो साल से कम का समय है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 3, 2014, 15:29