लड़ाकू विमान सौदों की शिकायतों की जांच कर रही सरकार

लड़ाकू विमान सौदों की शिकायतों की जांच कर रही सरकार

लड़ाकू विमान सौदों की शिकायतों की जांच कर रही सरकार नई दिल्ली : रक्षा मंत्री एक के एंटनी ने गुरुवार को कहा कि सरकार अरबों रुपए के लड़ाकू विमान सौदे के उपयुक्त आपूर्तिकर्ता के चयन की प्रक्रिया को लेकर शिकायतों पर गौर कर रही है। साथ ही उन्होंने स्वीकार किया इस वित्तीय वर्ष में ऐसे किसी सौदे पर दस्तखत के लिए धन नहीं है।

एंटनी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पूरी परिचालन अवधि (एलसीसी) की लागत के आकलन की प्रक्रिया के बारे में शिकायतें हैं और अभी यह मुद्दा सुलझा नहीं है। सौदे को अंतिम मंजूरी के लिए सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले हम इस पहलू को निपटना चाहेंगे।’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि करार को 2014-2015 में अंतिम रूप दिया जाएगा।

फ्रांसीसी राफेल लडाकू विमान मध्यम-बहुआयामी लडाकू विमान सौदे में सबसे कम बोली लगाने वाली कम्पनी बन कर उभरी है। यह सौदा भारत को 60000 करोड़ रुपए से अधिक का पड़ सकता है।

भारतीय रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार जो कंपनियां सेनाओं की विशिष्ट आवश्यकता और निर्धारित मानकों पर खरे सामान को सबसे सबसे कम कीमत पर पेशकश करने को तैयार होती है उन्हें ठेका दिया जाता है। 126 लड़ाकू विमानों की खरीद के इस सौदे में सबसे कम बोली लगाने वाले के चयन पर एलसीसी (पूरे परिचालन काल तक की लागत) को ध्यान में रखा गया है।

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने रक्षा खरीद नीति में ‘अवधारणात्मक बदलाव ’ को लेकर कई सवाल उठाते हुए एंटनी को लिखा था और आशंका प्रकट की थी कि एलसीसी अवधारणा से भ्रष्टाचाचार हो सकता है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, February 6, 2014, 18:22

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