Last Updated: Tuesday, May 27, 2014, 18:45

नई दिल्ली : नए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि सरकार बदलने से लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग की अगले सेना प्रमुख के रूप में नियुक्ति पर असर नहीं पड़ेगा। जेटली की पार्टी भाजपा ने सुहाग को सेना प्रमुख बनाये जाने पर संप्रग सरकार का कड़ा विरोध किया था।
जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनका मानना है कि किसी व्यक्ति की नियुक्ति को लेकर कोई मुद्दा या विवाद नहीं होना चाहिए। हो सकता है कि प्रक्रिया या नियम को लेकर कुछ टिप्पणी की गयी हो लेकिन किसी भी संबद्ध व्यक्ति पर किसी भी तरह उसका असर नहीं होने जा रहा है।
उन्होंने आज ही रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाला। उनसे चुनावों के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग को अगला सेना प्रमुख नियुक्त किये जाने पर भाजपा के विरोध के बारे में सवाल किया गया था।
भाजपा ने सवाल उठाया था कि जब मौजूदा सेना प्रमुख 31 जुलाई को रिटायर होने जा रहे हैं तो संप्रग सरकार सुहाग को सेना प्रमुख नियुक्त करने की जल्दी क्यों कर रही है। भाजपा ने ऐसी महत्वपूर्ण नियुक्तियां करने से सरकार को रोकने के लिए निर्देश मांगने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) वी के सिंह ने भी इस मुद्दे पर संप्रग सरकार पर सवाल उठाया था। सिंह इस समय भाजपा के सदस्य हैं और मंत्री भी बने हैं।
सिंह का कहना था कि जोरहट डकैती मामले में सुहाग को ‘सतर्कता मंजूरी’ नहीं मिली थी। सेना प्रमुख के रूप में वी के सिंह ने सुहाग पर ‘अनुशासनात्मक एवं सतर्कता’ प्रतिबंध लगाया था। दो साल पहले उस समय सुहाग 3 कार्प्स कमांडर थे। इस प्रतिबंध से प्रमोशन रूक जाता है। मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने जब 31 मई 2012 को कार्यभार संभाला तो सुहाग पर प्रतिबंध तत्काल हटा लिया गया। जनरल बिक्रम सिंह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और मनमोहन सिंह सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग को 14 मई को अगला सेना प्रमुख नियुक्त कर दिया । इसके दो दिन बाद ही लोकसभा के चुनाव परिणाम घोषित हुए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 27, 2014, 18:45