Last Updated: Monday, November 11, 2013, 14:59
नई दिल्ली : सीबीआई के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप के विपक्ष के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि पुलिस और जांच एजेंसियां कार्यपालिका के प्रशासनिक देखरेख में काम करती हैं, लेकिन उन्हें जांच में पूरी स्वतंत्रता मिलती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के तहत सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखना कार्यपालिका के कार्यक्षेत्र में आता है। इसमें अपराधों की रोकथाम, पहचान एवं अभियोजन शामिल हैं।
सीबीआई के एक सम्मेलन में यहां प्रधानमंत्री ने कहा, पुलिस और जांच एजेंसियां इस वजह से कार्यपालिका का एक हिस्सा हैं और उन्हें कार्यपालिका की प्रशासनिक देखरेख में काम करना चाहिए। सीबीआई की स्वायत्ता को लेकर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह जानना बहुत जरूरी है कि कानून के तहत पुलिस को अपराधों की जांच के मामलों में पूरी स्वतंत्रता मिलती है और जांच में किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अलावा कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सीबीआई और पुलिस को जांच में स्वतंत्रता मिली हुई है लेकिन ‘जांच प्रक्रिया को बाहरी हस्तक्षेप से बचाने के लिए अगर और ज्यादा उपाय करने की जरूरत है तो हमें ऐसा करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, लेकिन आत्मविश्लेषण करना सार्थक होगा अगर स्वायत्ता को लेकर बहस इस बात पर ध्यान नहीं देती कि सीबीआई और दूसरी जांच एजेंसियां कार्यपालिका का हिस्सा हैं। सिंह ने कहा कि यह दुर्भायपूर्ण है कि स्वायत्ता को लेकर बहस ने राजनीतिक रूप ले लिया है।
उन्होंने कहा, सबसे निराशा की बात है कि संवेदनशील जांच मीडिया की टिप्पणियों का विषय बन गए हैं जो आमतौर पर सार्वजनिक रूप से अनुपलब्ध तथ्यों पर आधारित होते हैं। सिंह ने कहा, गोपनीयता किसी भी जांच की विश्वसनीयता के हित में है। इस वजह से ही सीबीआई को आरटीआई कानून से अलग रखा गया। मुझे उम्मीद है कि जिम्मेदार पेशेवरों के तौर पर आप सही परिप्रेक्ष्य में इस मुद्दे पर चिंतन करने में सक्षम होंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 11, 2013, 14:59