Last Updated: Monday, June 9, 2014, 21:10

नई दिल्ली : देशवासियों के लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है कि इस साल देश में मॉनसून की बारिश सामान्य से कम हो सकती है और 93 प्रतिशत के स्तर पर रह सकती है। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना को लेकर शुरू में घोषित पूर्वानुमान से अपने आंकड़े में और दो प्रतिशत की कमी की है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘पूरे देश के लिए जून से सितंबर के बीच मॉनसून की मौसमी बारिश का स्तर सामान्य से कम और 93 प्रतिशत हो सकता है।’ यह चार प्रतिशत कम या ज्यादा हो सकती है। मौसम विभाग ने अप्रैल में मॉनसून को लेकर घोषित पूर्वानुमान में बारिश का स्तर 95 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी।
कम बारिश के लिए अल-नीनो प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जिसके रहने की संभावनाएं 70 प्रतिशत तक हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक एल एस राठौर ने कहा कि जुलाई के अंत में और अगस्त की शुरूआत में स्थिति चरम पर हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक यह हालात समुद्र के तापमान में बढ़ोतरी से भी जुड़े हैं। देश की अर्थव्यवस्था के लिए और खासतौर पर खेती के लिए मॉनसून बहुत महत्वपूर्ण होता है।
पृथ्वी विज्ञान सचिव शैलेश नायक ने कहा कि मौसम विभाग ने जब अप्रैल में सामान्य से कम बारिश का पूर्वानुमान जताया था, तभी सरकार ने कदम उठा लिये थे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव ने किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए अलग अलग मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई में 93 प्रतिशत बारिश और अगस्त में 96 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है।
नायक ने बताया कि दिल्ली में मॉनसून इसकी सामान्य तारीखों पर 29-30 जुलाई तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि मॉनसून ने केरल में पांच दिन देरी से दस्तक दी है लेकिन इसके देरी से दस्तक देने और देश के मध्य तथा उत्तर तक पहुंचने के बीच कोई संबंध नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 9, 2014, 18:30