Last Updated: Friday, January 24, 2014, 15:32
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ की नियुक्ति को लेकर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने सामने आ गए हैं। गौर हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीनियर आईपीएस अधिकारी प्रवीर रंजन की दिल्ली एसीबी के प्रमुख के रूप में नियुक्ति का फैसला पलट दिया है। जबकि केजरीवाल ने विशेष तौर पर रंजन को एसीबी का प्रमुख बनाने का आग्रह किया था।
शिंदे ने आज कहा कि प्रवीर रंजन ने खुद केजरीवाल सरकार में काम करने से मना किया। प्रवीर रंजन ने खुद इस बाबत एक चिट्ठी लिखकर काम करने से इनकार किया है। ऐसे में दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो चीफ को लेकर विवाद बढ़ गया है। बता दें कि केजरीवाल आईपीएस अधिकारी रंजन को इस ब्यूरो का चीफ बनाना चाहते हैं। केजरीवाल ने जब दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों को निलंबित करने की मांग को लेकर रेल भवन पर धरना दिया तो गृह मंत्रालय ने इस मामले में अपने हाथ पीछे खींच लिए।
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने अब रंजन को पुड्डुचेरी भेजने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक रंजन के मामले पर फैसला इसलिए बदला गया है क्योंकि केजरीवाल ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। गृह मंत्रालय द्वारा प्रवीर रंजन को एसीबी चीफ बनाने के फैसले से पलटने से पहले उन्हें नियुक्त करवाने के लिए केजरीवाल ने शिंदे से मुलाकात की थी। जानकारी के अनुसार, गृह सचिव की मौजूदगी में हुई बैठक में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे केजरीवाल की इस बात पर राजी भी थे। गौर हो कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रवीर रंजन को बीते दिनों दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया। प्रवीर रंजन 1993 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने जीसी द्विवेदी का स्थान लिया है। कहा जाता है कि द्विवेदी के साथ कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मतभेद थे। इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल ने उपराज्यपाल से रंजन को द्विवेदी के स्थान पर नियुक्त करने के लिए कहा था।
First Published: Friday, January 24, 2014, 15:32