Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 15:38

कोलकाता : कानून की एक पूर्व इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली ने कहा कि वह उसके ब्लॉग पर टिप्पणी नहीं करेंगे जिसमें एक पुलिस शिकायत दर्ज कराने का संकेत दिया गया है। आरोपों से इनकार करने के लिए इंटर्न ने गांगुली पर पलटवार किया था।
इंटर्न ने अपने ब्लॉग ‘लीगली इंडिया’,में लिखा है ‘जो लोग अफवाह फैला रहे हैं और मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं वे ऐसा प्रतिकूल प्रभाव डालने और द्वेषपूर्ण रूप से इस मुद्दे को उलझाने तथा जांच और जवाबदेही से बचने के लिए कर रहे हैं।’
इंटर्न ने पुलिस शिकायत दर्ज कराने का संकेत देते हुए कहा, ‘मैं यह अनुरोध करती हूं कि यह स्वीकार किया जाए कि मुझमें उचित प्रक्रियाओं को उचित समय पर आगे बढ़ाने का विवेक है। मैं यह कहना चाहती हूं कि मेरी स्वायत्तता का पूर्ण रूप से सम्मान किया जाए।’ यह पूछे जाने पर कि क्या विरोध प्रदर्शन और विभिन्न क्षेत्रों की ओर से डाले जा रहे दबाव राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं, पूर्व न्यायाधीश गांगुली ने कहा, ‘मैं इस मामले पर कुछ भी नहीं कहना चाहता। मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।’
न्यायमूर्ति गांगुली ने एक आठ पृष्ठों वाला पत्र भारत के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम को लिखा है जिसमें उन्होंने इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने से इनकार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उनकी छवि धूमिल करने की एक ‘स्पष्ट साजिश’ दिखती है क्योंकि उन्होंने ‘शक्तिशाली हितों’ के खिलाफ फैसले दिये थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद छोड़ने से भी इनकार किया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 15:38