Last Updated: Thursday, October 24, 2013, 21:10
ज़ी मीडिया ब्यूरोविशेष विमान से : कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पीएमओ पर सीबीआई का शिकंजा कसने और विपक्ष के हमले के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि इस मामले में वह जांच के लिए तैयार हैं।
सिंह ने 10 दिन पहले शुरू हुए इस विवाद में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। सीबीआई द्वारा कोल ब्लॉक आवंटन मामले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद से प्रधानमंत्री विपक्ष के निशाने पर थे।
रूस और चीन की यात्रा के बाद स्वदेश लौटने के दौरान विशेष विमान में पीएम मनमोहन ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं देश के कानून से ऊपर नहीं हूं। अगर कुछ है जिसके बारे में सीबीआई या उस मामले में कोई भी मुझसे पूछना चाहता है तो मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।’ उनसे पीएमओ द्वारा पिछले सप्ताह दिए गए स्पष्टीकरण के बारे में पूछा गया था जिसमें कहा गया था कि ओडिशा में बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को कोल ब्लॉक के आवंटन का फैसला सही था और उसमें कुछ भी गलत नहीं था।
विपक्ष ने मनमोहन सिंह पर यह कहते हुए हमला किया था कि प्रधानमंत्री उस वक्त कोयला मंत्रालय के प्रभारी थे और उन्हें खुद को पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश करना चाहिए। मनमोहन ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में क्या हो रहा है मैं उसमें नहीं जाना चाहूंगा। यह देश की सर्वोच्च अदालत है और मैं अदालत के बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीआई के मामलों और घोटालों से प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी विरासत को प्रभावित कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘इसका फैसला इतिहास को करना है। मैं अपना काम कर रहा हूं और अपना काम करता रहूंगा। मेरे 10 साल तक प्रधानमंत्री रहने का क्या असर हुआ इसका फैसला इतिहासकार करेंगे।’
मोदी का अभियान फीका पड़ जाएगाप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा का नरेंद्र मोदी नीत अभियान जल्दी ही फीका पड़ जाएगा और देश एक बार फिर उन नतीजों से ‘चकित रह जाएगा’ जिसके बाद कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी। उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने अभी सक्रिय अभियान नहीं छेड़ा है। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि संप्रग-2 के कार्यकाल में कई घोटालों के कारण गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सक्रिय है। मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं कि कांग्रेस पार्टी पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं है। भाजपा ने भले ही जल्दी शुरूआत की हो लेकिन यह जल्दी ही फीकी पड़ जाएगी। मैं आश्वस्त हूं कि कांग्रेस पार्टी 2014 के चुनावों में विजयी होगी।’
राहुल को नुकसान नहीं होने देगी सरकारप्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी ‘एहतियाती’ कदम उठाएगी कि राहुल गांधी को कोई खतरा पैदा नहीं हो लेकिन ‘देश में घृणा की राजनीति’ पर उन्होंने चिंता जताई। मनमोहन ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे और सभी समझदार लोगों को देश में घृणा की राजनीति से चिंतित होना चाहिए। जहां तक राहुल गांधी को खतरे की बात है तो सरकार हरसंभव एहतियाती कदम उठाएगी ताकि उन पर आने वाला खतरा अंजाम तक नहीं पहुंचे।’ राजस्थान की एक रैली में राहुल ने भाजपा पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने और ‘घृणा की राजनीति’ में संलिप्त रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें भी उनकी दादी और पिता की तरह मार दिया जाएगा।
चीन और रूस यात्रा का उद्देश्य पूराप्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस बात से संतुष्ट है कि सीमा पर शांति एवं अमन सुनिश्चित करने के लिए चीन उतना ही गंभीर है जितना कि भारत। उन्होंने कहा कि दो देशों की उनकी यात्रा का उद्देश्य पूरा हो गया है और नतीजे भी मिल गए हैं। 4000 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव दूर करने के लिए भारत और चीन द्वारा व्यापक समझौते पर पहुंचने के एक दिन बाद सिंह ने कहा कि दोनों देश इस बात के लिए कटिबद्ध हैं कि सीमा पर शांति और अमन द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए पूर्वशर्त है। प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि क्या भारत नये समझौते को चीन के साथ सीमा के सवाल को हल करने के अवसर के रूप में देखता है।
नवाज शरीफ के रूख से पीएम निराशप्रधानमंत्री ने कहा कि वे अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से निराश हैं और उनसे कहा कि हालांकि देर हो चुकी है लेकिन अब भी वे इस बात को समझें कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जो कुछ हो रहा है वह दोनों देशों के लिए अच्छा नहीं है। मनमोहन ने कहा, ‘मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं निराश हूं क्योंकि न्यूयार्क बैठक (दोनों नेताओं के बीच पिछले माह हुई बैठक) में आमतौर पर यह सहमति बनी थी कि सीमा पर, नियंत्रण रेखा पर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दोनों पक्ष शांति बनाये रखेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह मेरे लिये बहुत निराशा की बात है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह शरीफ से निराश हैं, सिंह ने कहा, ‘हम इस बात पर राजी हुए थे कि अगर वर्ष 2003 का युद्ध विराम समझौता दस साल तक चला तो यह आगे भी कारगर रह सकता है। वह नहीं हुआ और यह वास्तव में निराशाजनक है।’
तेलंगाना का हल ढूंढ लेगा मंत्री समूहप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई कि तेलंगाना मुद्दे पर गठित मंत्री-समूह इस जटिल समस्या का ‘समाधान’ तलाश लेगी। उन्होंने कहा, ‘यह मामला अब मंत्री-समूह के सामने है। वे इस समस्या के हर पहलू पर विचार कर रहे हैं और मुझे यकीन है कि वे इस बहुत ही कठिन और जटिल समस्या का व्यवहारिक समाधान तलाशने में कामयाब रहेंगे।’ प्रधानमंत्री से सवाल किया गया था कि क्या उन्हें विश्वास है कि 2014 के चुनावों से पहले हैदराबाद की स्थिति जैसे मुश्किल मुद्दे सुलझाते हुए तेलंगाना की समस्या का समाधान हो पाएगा।
First Published: Thursday, October 24, 2013, 19:45