अपने बयान से पलटे वैज्ञानिक सीएनआर राव, कहा- नेताओं को मजाक में बेवकूफ कहा था

अपने बयान से पलटे वैज्ञानिक सीएनआर राव, कहा- नेताओं को मजाक में बेवकूफ कहा था

अपने बयान से पलटे वैज्ञानिक सीएनआर राव, कहा- नेताओं को मजाक में बेवकूफ कहा थाज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: भारत रत्न से सम्मानित जानेमाने वैज्ञानिक डॉक्टर सीएनआर राव अपने दिया बयान से पलट गए हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नेताओं से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। राव ने कहा कि उन्होंने कहा कि नेताओं को मजाक में बेवकूफ कहा था। डॉक्टर सीएनआर राव को हाल ही में भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान `भारत रत्न` के लिए चुना गया है।

गौर हो कि कल मशहूर वैज्ञानिक राव ने नेताओं पर बयान देकर विवाद पैदा कर दिया था। सीएनआर राव ने वैज्ञानिक कार्यों के लिए कम फंड देने के लिए नेताओं को लताड़ लगाई थी। एक प्रेस कांफ्रेस में प्रो. राव ने नेताओं को मूर्ख करार दिया था।

भारत रत्न पुरस्कारों की घोषणा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष राव ने संवाददाता सम्मेलन में अनुसंधान के लिए और अधिक संसाधन दिये जाने की जरूरत बताई।

जब राव से एक संवाददाता ने देश में वैज्ञानिक अनुसंधान के मानकों को लेकर उनके विचारों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा था, ‘सरकार की तरफ से वैज्ञानिक समुदाय को पैसा दिये जाने के लिए हमने बहुत कुछ किया है।’ उन्होंने आपा खोते हुए कहा, ‘इन मूर्ख (इडियट) नेताओं ने हमें इतना कम दिया है। इसके बावजूद हम वैज्ञानिकों ने कुछ तो किया है।’ राव ने कहा, ‘हमारा निवेश बहुत कम है, देर से मिलता है। हमें जो पैसे मिले उसके लिए हमने काम किया। हमें जितने पैसे मिल रहे हैं वो कुछ भी नहीं हैं।’

चीन की तरक्की के संबंध में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमें खुद को ही जिम्मेदार ठहराना होगा। हम भारतीय कठिन परिश्रम नहीं करते। हम चीन वालों की तरह नहीं हैं। हम बहुत आरामपसंद हैं और उतने राष्ट्रवादी नहीं हैं। अगर हमें थोड़ा ज्यादा धन मिल जाता है तो विदेश जाने को तैयार हो जाते हैं।’

नवोन्मेष और शिक्षा में ज्यादा निवेश की जरूरत पर जोर देते हुए राव ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने वादा तो किया है पर अब तक ऐसा हुआ नहीं है ।’ राव ने यह भी कहा कि वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित करने के मामले में भारत की स्थिति बदकिस्मती से बहुत खराब है ।

First Published: Monday, November 18, 2013, 15:11

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