ओबीसी का बढ़ेगा कुनबा, शामिल की जा सकती हैं 60 और जातियां

ओबीसी का बढ़ेगा कुनबा, शामिल की जा सकती हैं 60 और जातियां

ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नीत यूपीए सरकार आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले एक और पासा फेंकने की तैयारी में है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है जिसमें देश के 13 राज्यों और संघशासित क्षेत्रों से करीब 60 जातियों को अन्य पिछडे वर्ग (ओबीसी) की केन्द्रीय सूची में शामिल करने के मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रस्ताव को यदि कैबिनेट की मंजूरी मिली तो 60 जातियों को केन्द्रीय नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा।

इन जातियों को सूची में शामिल करने की सिफारिश राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग ने की है। ओबीसी सूची में समुदायों को शामिल करने या निकालने के लिए आयोग का गठन किया गया है, जो एक वैधानिक इकाई है। जिन समुदायों को सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है, वे महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गोवा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और संघशासित क्षेत्रों पुडुचेरी, चंडीगढ तथा दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं।

सूत्रों ने बताया कि सूची में 35 से अधिक जातियां पश्चिम बंगाल से हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग किसी राज्य या संघशासित क्षेत्र के प्रशासन द्वारा भेजे गये प्रस्ताव के आधार पर किसी जाति को सूची में शामिल करने के बारे में विचार करता है।
उसके बाद आयोग समुदायों की मौजूदा स्थिति का अध्ययन करता है और जाति की सूची को शामिल करने के लिए सरकार के पास भेजता है। उसके बाद उसे कैबिनेट में पेश किया जाता है, जो अंतिम फैसला करती है। अब तक अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में लगभग 2340 जातियां शामिल हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published: Wednesday, January 29, 2014, 21:39

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