Last Updated: Saturday, March 22, 2014, 15:58
नई दिल्ली : कांग्रेस की ओर से 2002 दंगे पर नरेन्द्र मोदी पर हमला तेज किये जाने के बीच पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने आज कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की तरह उच्चतम न्यायालय को गुजरात दंगों की जांच स्वतंत्र निकाय से कराना चाहिए था क्योंकि एसआईटी के पास तलाशी या गिरफ्तारी के संबंध में काफी कम अधिकार है।
सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की निगरानी को महत्व दिये जाने के बीच मैं समझता हूं कि मानवता को जीवित रखने के लिए उच्चतम न्यायालय को गुजरात दंगों से जुड़े सभी मामलों की निगरानी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी के माध्यम से करनी चाहिए थी। यह दुखद है।’’
उन्होंने कहा कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन 2008 में दंगों के छह वर्ष बाद किया गया। ‘‘एसआईटी में कौन कौन से अधिकारी शामिल थे। इनमें वहीं पुलिस अधिकारी थे जिनके अधिकार क्षेत्र में राज्य में दंगे हुए थे। एसआईटी के पास तलाशी लेने, सीबीआई की तरह जांच करने का कोई अधिकार नहीं था। इसने केवल गवाहों के बयान दर्ज किये।’’ सिब्बल ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सकता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 22, 2014, 15:58