मालदीव में चुनाव गतिरोध पर भारत ने जताई निराशा

मालदीव में चुनाव गतिरोध पर भारत ने जताई निराशा

नई दिल्ली : मालदीव में शनिवार को चुनाव नहीं हो पाने के कारण भारत ने गहरी निराशा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयासों पर चिंता जतायी। उसने सभी पक्षों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि संविधान के अनुसार नये राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण 11 नवंबर तक हो जाये।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत मालदीव सरकार तथा सभी संबद्ध पक्षों का आह्वान करता है कि वे चुनाव प्रक्रिया में सकारात्मक भूमिका निभाते हुए मालदीव के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा करें और राष्ट्रपति चुनाव को और विलंब किये बिना संपन्न कराने में (मालदीव के) चुनाव आयोग को पूरा सहयोग दें।’’

इसमें कहा गया, ‘‘भारत एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय मालदीव में घटनाक्रमों पर करीब से निगाह रख रहा है तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने पर गंभीरता से चिंतित है।’’

मालदीव में पुलिस द्वारा फिर से चुनाव करवाये जाने को रोक दिये जाने के कुछ ही घंटे बाद विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आयी है। फिर से मतदान इसलिए करवाये जा रहे हैं क्योंकि सात सितंबर को हुए मतदान में किसी भी उम्मीदवार को जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिल पाये। पहले दौर में नशीद को 45.45 प्रतिशत मत मिले थे।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘‘अभी तक प्रशंसनीय धर्य एवं संयम दिखाने वाले मालदीव के लोगों की इच्छाओं एवं आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि चुनावी प्रक्रिया को एक निश्चित समय सीमा के भीतर फौरन पटरी पर लाया जाये ताकि नये राष्ट्रपति का निर्वाचन एवं शपथ ग्रहण संविधान के अनुसार 11 नवंबर 2013 तक संपन्न हो सके।’’

उसने इस बात पर भी बल दिया कि प्रक्रिया को फौरन पटरी पर लाया जाये ताकि 11 नवंबर से पहले नये राष्ट्रपति का चुनाव किया जा सके। आज जब मालदीव में फिर से चुनाव होने जा रहा था, उससे कुछ ही मिनट पहले पुलिस ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को इसे संपन्न कराने से रोक दिया।

टेलीविजन पर किये गये संबोधन में चुनाव आयोग के प्रमुख फुवाद तौफीक ने कहा कि पुलिस उनके कार्यालय मे प्रवेश कर गयी और अधिकारियों को चुनाव सामग्री वितरित करने से रोक दिया।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने कार्रवाई करने से पहले राष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद, सुरक्षा परिषद एवं गृह मंत्रालय से विचार विमर्श किया था। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘भारत इस बात से बेहद निराश है कि राष्ट्रपति चुनाव का फिर से कराया जाने वाला पहला दौर आज निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संपन्न नहीं हो सका तथा चुनाव आयोग को संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार चुनाव करवाने की अनुमति नहीं दी गयी।’’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, October 19, 2013, 22:52

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