Last Updated: Thursday, December 12, 2013, 22:51
शिलांग : भारतीय वायुसेना प्रमुख एन.ए.के. ब्राउन ने गुरुवार को कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों में हो रही रक्षा गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं, तथा नापाक इरादों एवं चुनौतियों को विफल करने की स्थिति में है।
ब्राउनी ने ऊपरी शिलांग में निर्मित अत्याधुनिक लैंडिंग के पास पत्रकारों से कहा कि हम अपने पड़ोस में हो रही प्रत्येक गतिविधि पर पूरी नजर रखे हुए हैं, लेकिन जैसा कि मैंने कहा था कि ये गतिविधियां किसी एक देश के खिलाफ नहीं हैं। प्रत्येक देश को अपनी तैयारी करने का पूरा अधिकार है। इसलिए जिस तरह चीन अपनी रक्षा का विकास कर रहा है, हम भी कर रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारत अब 1962 के सदमे की स्थिति में नहीं है। ब्राउनी अगले महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तथा इन दिनों मेघालय में स्थित वायुसेना के पूर्वी कमांड के मुख्यालय के विदाई दौरे पर हैं। ब्राउनी ने पत्रकारों को बताया कि देश हर पहलू से पूरी तरह तैयार है। हम खुद को तैयार करते हुए किसी विशेष देश या विशेष चुनौती को ध्यान में नहीं रखते। हम देश की सेना और वायुसेना को विशेष तौर पर वृहद मानकों के आधार पर तैयार करना चाहते हैं। ब्राउनी ने पूर्वोत्तर में वायुसेना द्वारा किए गए प्रमुख सैन्य आधुनिकीकरण के कार्यो पर जोर देते हुए कहा कि इसके द्वारा किए गए प्रमुख अधिग्रहण एवं सुधारात्मक कार्य वायुसेना को आगामी सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएंगे।
भारतीय वायुसेना ने असम के उत्तर में स्थित तेजपुर में जून, 2009 में अपना पहला एसयू-30 स्क्वाड्रन तैनात किया। उसी वर्ष मार्च में असम के ही चाबुआ में एकल एसयू-30 स्क्वाड्रन भी स्थापित कर दिया। इसके साथ ही कुल 18 स्क्वाड्रन हो गए। पिछले कुछ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में लगातार हो रहे चीनी घुसपैठ को देखते हुए भारतीय वायु सेना के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान एसयू-30 को तैनात करने का निर्णय लिया गया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 12, 2013, 22:51