कश्मीर पर नवाज की अमेरिकी दखल की दलील को भारत ने किया खारिज, भाजपा सरकार के साथ

कश्मीर पर नवाज की अमेरिकी दखल की दलील को भारत ने किया खारिज, भाजपा सरकार के साथ

कश्मीर पर नवाज की अमेरिकी दखल की दलील को भारत ने किया खारिज, भाजपा सरकार के साथज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी

इस्लामाबाद/नई दिल्ली : भारत ने रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की उस दलील को सिर से खारिज दिया जिसमें कहा गया कि अमेरिका के दखल से कश्मीर की समस्या सुलझाई जा सकती है। अमेरिकी दौरे पर नवाज शरीफ ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपनी मुलाकात से पहले कश्मीर का राग एक बार फिर अलापा है। नवाज ने रविवार को कहा कि उन्हें लगता है कि अमेरिका का यदि हस्तक्षेप करे तो कश्मीर का मसला सुलझ सकता है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की इस दलील पर नई दिल्ली ने भी अपन रुख जाहिर कर दिया। भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने साफ शब्दों में कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और शिमला समझौते के अनुरूप ही बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। उन्होंने नवाज की दलील को सिरे से खारिज कर दिया। वहीं, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार का यह कहते हुए समर्थन किया कि कश्मीर मसले पर किसी तीसरे देश की दखलंदाजी उसे मंजूर नहीं। शरीफ बुधवार को ओबामा से मिलने वाले हैं।

शरीफ ने बुधवार को ओबामा से मुलाकात करने के लिए अमेरिका जाने के रास्ते में लंदन में अपने पड़ाव के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘यद्यपि भारत ऐसा (तीसरा पक्ष) हस्तक्षेप नहीं चाहता लेकिन विश्व शक्तियों को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए शामिल होना चाहिए।’

पाकिस्तान की सरकारी संवाद समिति एपीपी ने शरीफ के हवाले से कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति सम्पन्न हैं और यह क्षेत्र एक परमाणु टकराव की आशंका वाला इलाका है।’

शरीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी चिंता (कश्मीर को लेकर चिंता) उठायी थी और विश्व ने इसकी प्रशंसा की थी। एक बार फिर अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान मैं इस संदेश को फिर से दोहराऊंगा।’

भारत ने कहा कि कश्मीर इस देश का अखंड अंग है तथा इस बारे में सवाल करने की कोशिश भी ‘समय की बर्बादी’होगी। पाकिस्तान की मांग को खारिज करते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत इसे स्वीकार नहीं करेगा क्योंकि मामला द्विपक्षीय है और इस पर दोनों देशों के बीच सहमति बननी है।

सरकार को अपने रुख पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा का भी समर्थन मिला। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने का अधिकार नही है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अनुरोध किया कि वह शरीफ के प्रस्ताव को खारिज कर दें।

खुर्शीद ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘शिमला समझौते में भारत और पाकिस्तान के बीच इसे द्विपक्षीय मुद्दा माना गया था और भारत इस मुद्दे पर कोई भी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा।’ उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी को भी उस पर सवाल खड़े नहीं करना चाहिए। ‘किसी के लिए भी, भले ही वह कितना ही प्रख्यात हो, इस पर सवाल करने की कोशिश करना भी समय की बर्बादी होगी।’

जोशी ने कहा कि भारत पहले ही यह बेहद स्पष्ट कर चुका है कि न केवल कश्मीर मुद्दा बल्कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा दोनों देशों के बीच ही हल किया जायेगा तथा किसी भी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी हस्तक्षेप के बारे में नवाज शरीफ के बयान को स्वीकार नहीं किया जायेगा।’ जोशी ने कहा कि वह संप्रग सरकार को बताना चाहेंगे कि न केवल भाजपा बल्कि पूरा देश ही अमेरिकी हस्तक्षेप के विरूद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘मैं श्री ओबामा से अपील करता हूं कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करें। उन्हें पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए।’

First Published: Sunday, October 20, 2013, 23:33

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