भारत का अमेरिका को कड़ा जवाब, देवयानी को दूतावास से यूएन मिशन में भेजा

भारत का अमेरिका को कड़ा जवाब, देवयानी को दूतावास से यूएन मिशन में भेजा

भारत का अमेरिका को कड़ा जवाब, देवयानी को दूतावास से यूएन मिशन में भेजाज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ हुए बर्ताव और न्यूयार्क में भारतीय महिला राजनयिक को गिरफ्तार किए जाने की घटना के बाद भारत ने अमेरिका को कड़ा जवाब दिया है। अमेरिका में गिरफ्तार की गई और दुर्व्‍यवहार की शिकार हुई राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र के स्थायी दूतावास में भेजा गया ताकि उन्हें पूर्ण राजनयिक छूट दी जा सके।

देवयानी को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र स्थित भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें कथित वीजा धोखाधड़ी एवं घरेलू नौकरानी को कम वेतन देने के मामले में न्यूयार्क में गिरफ्तार कर लिया गया था। अमेरिकी मार्शल ने पिछले सप्ताह गिरफ्तार की गईं खोबरागडे की कथित तौर पर अपमानजनक तरीके से तलाशी ली थी।

खोबरागडे अब कूटनीतिक संबधों पर वियना संकल्प-1961 के तहत सभी राजनयिक विशेषाधिकारों एवं छूटों की हकदार हो गई हैं, जबकि वाणिज्यदूत के रूप में उन्हें ये सब अधिकार नहीं थे। वाणिज्यदूत अधिकारी, वाणिज्यदूत संबंधों पर वियना संकल्प-1963 के तहत आते हैं। यह संकल्प उन्हें पूर्ण राजनयिक जैसा संरक्षण प्रदान नहीं करता।
अब देवयानी की गिरफ्तारी, तलाशी और पूछताछ नहीं हो सकती है। यूएन में उन्हें अब पूरे राजनयिक अधिकार मिलेंगे। देवयानी को वीजा जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर हथकड़ी लगाने और जेल में बंद करने का मुद्दा बुधवार को संसद में उठने के बाद सरकार को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।

सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय का कहना है कि देवयानी मामले में अमेरिका को माफी मांगनी होगी। भारत ने यह भी कहा कि विएना संधि को लागू करने को लेकर वह पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अमेरिका से भी इसे पूरी तरह लागू करने के लिए कहा जाएगा।

भारत ने बुधवार को कहा कि वह अपने कानूनी दायरे के भीतर अमेरिका समेत सभी देशों के राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और विएना संधि के सिद्धांतों को पूर्णतय: लागू करने का संकल्प लेता है तथा अन्य देशों से भी ऐसा ही करने की अपील करता है। भारत ने अमेरिकी राजनयिकों और उनके परिवारों से हवाईअड्डा पास वापस लेने समेत विशेषाधिकार छीनने और उनके दूतावास के आस पास सुरक्षा बैरीकेड हटाने के कदम उठाए हें। भारत ने ये कदम न्यूयार्क में अपनी राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ अमेरिका में किए गए व्यहार के जवाब में उठाए हैं।

इसके बाद अमेरिका ने कहा कि उसने उच्च स्तर पर भारत सरकार को अपनी उम्मीदों से अवगत कराया है कि भारत विएना संधि के तहत अपने सभी दायित्वों को निभाना जारी रखेगा और उसके राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त हुए कहा कि विएना संधि वैश्विक संधि है और सभी देश इसका पालन करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमारे जैसे राजनयिकों के लिए विएना संधि वह ढाल और कवच है जो हमारी रक्षा करती है। प्रवक्‍ता ने कहा कि हम विएना संधि के सिद्धांतों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, हम उन्हें पूरी तरह लागू करेंगे और उनसे भी इसे पूरी तरह लागू करने को कहेंगे। अमेरिकी राजनयिकों समेत किसी भी देश के राजनयिकों के संबंध में भारत की सुरक्षा स्थिति में कोई बदलाव नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम सभी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर कृतसंकल्प हैं, हम भारतीय कानून के दायरे में पूरी सुरक्षा मुहैया कराएंगे। देवयानी की गिरफ्तारी और उनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार के बाद भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिकों के कुछ विशेषाधिकार छीने जाने के संबंध में प्रश्नों का उत्तर देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने संवाददाताओं को बताया कि अमेरिका ने इस संबंध में अपनी अपेक्षाओं के बारे में भारत को बता दिया है। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे कि हमारे राजनयिकों और वाणिज्य दूत अधिकारियों को पूर्ण अधिकार और सुरक्षा मुहैया हो। हमारे प्रतिष्ठानों की रक्षा सुरक्षा हो, हम इस पर भारतीयों के साथ काम करते रहेंगे।

First Published: Wednesday, December 18, 2013, 18:08

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