Last Updated: Saturday, January 25, 2014, 18:24
वाशिंगटन : राजनयिक छूट के अपने अलग-अलग विवेचन के मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका बातचीत कर रहे हैं। भारत के राजदूत ने बताया कि भारतीय राजनयिक की न्यूयॉर्क में हुई गिरफ्तारी और जामातलाशी तलाशी के कारण दोनों देशों के बीच उपजे राजनयिक विवादों को सुलझाने के प्रयासों के तहत यह वार्ता शुरू की गई है।
वाशिंगटन में भारत के नए राजदूत सुब्रमण्यम जयशंकर ने शनिवार को कहा कि उनकी प्राथमिकता राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मामले के बावजूद दोनों देशों के मूलत: अच्छे रिश्तों की ‘भावना’ को कायम रखना है।
जयशंकर ने साक्षात्कार में ‘एसोसिएटेड प्रेस (एपी)’ को बताया, ‘आप कह सकते हैं कि सामान्य चीजें अच्छी हैं, मूलभूल चीजें अच्छी हैं, अब सिर्फ भावनाओं को मजबूत बनाने की जरूरत है।’ दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों भारत और अमेरिका ने पिछले एक दशक में बेहतर आर्थिक और रक्षा संबंध विकसित किए हैं लेकिन देवयानी के मामले पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के कारण इसे धक्का लगा।
नौकरानी की शिकायत पर अमेरिकी मार्शलों ने 13 दिसंबर को उन्हें गिरफ्तार किया था और उनकी जामातलाशी की थी। अमेरिकी मार्शल का कहना है कि यह सामान्य बर्ताव है लेकिन भारत ने इसे अनावश्यक बेइज्जती कहा। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका में विदेशी राजनयिकों के लिए नियम हैं, परन्तु उनका प्रश्न है कि क्या वाशिंगटन विदेशों में अपने राजनयिकों के साथ उदार व्यवहार की आशा करता है ? राजदूत ने कहा कि भारत ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को नए पहचानपत्र जारी किए हैं और यह स्पष्ट किया है कि ‘गंभीर अपराध’ राजनयिक छूट की श्रेणी में नहीं आते हैं।
उन्होंने यह भी प्रश्न किया, ‘मुद्दा यह है कि अमेरिका विदेशों में क्या चाहता है और अपनी धरती पर क्या देता है। मुझे लगता है कि इसपर सहमति बनाने की जरूरत है कि क्या किया जाना चाहिए।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 25, 2014, 18:24