Last Updated: Wednesday, April 30, 2014, 22:58
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य रायगढ़ जिले में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल को पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए गोल्डमैन इन्वायरमेंटल प्राइज से सम्मानित किया गया है।
रायगढ़ शहर में एक छोटे से इन्टरनेट कैफे के संचालक रमेश अग्रवाल रायगढ़ जिले में पिछले 10 सालों से पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं तथा क्षेत्र में कोयला खदानों के कारण हो रहे पर्यावरण को नुकसान से बचाने वालों में सशक्त आवाज बन गए हैं।
अग्रवाल कुछ समय पहले गांव वालों को संगठित कर, औद्योगिक विकास परियाजनाओं के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करते हुए छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक को बंद करवाने में सफल रहे हैं।
58 वर्षीय अग्रवाल उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने खनिज संसाधनों से भरपूर रायगढ़ जिले में पर्यावरण सुरक्षा की चिंता की तथा सूचना के अधिकार के माध्यम से जानकारी लेकर वहां की जनता को जागरूक किया। अग्रवाल ने क्षेत्र में जिंदल और अन्य औद्योगिक घरानों के खिलाफ मोर्चा भी खोला।
जुलाई वर्ष 2012 में अग्रवाल को उस समय गोली मारी गई जब वह अपने इन्टरनेट कैफे के सामन खड़े थे। गोली अग्रवाल के पैर में लगी और अब वह छड़ी के सहारे चलते हैं। इस मामले में जिंदल के खिलाफ उंगली उठी थी लेकिन बाद में पुलिस ने साफ किया कि जिंदल का इस मामले में कोई हाथ नहीं है। इससे पहले अग्रवाल वर्ष 2011 में जिंदल की शिकायत पर गिरफ्तार भी किए गए थे। अग्रवाल को पर्यावरण के क्षेत्र में इस विशिष्ठ सम्मान से सम्मानित किए जाने पर राज्य में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रसन्नता व्यक्त की है ।
पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे गौतम बंदोपाध्याय का कहना है कि यह अग्रवाल के जन चेतना मंच से जुड़े तमाम ग्रामीणों और आदिवासियों की जीत है। वहीं छत्तीसगढ़ बचाव आंदोलन से जुड़े आलोक शुक्ला का कहते हैं कि यह ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता के लिए सम्मान की बात है जो जल जंगल जमीन और आदिवासियों के लिए लड़ रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 30, 2014, 22:58