लद्दाख के चुमार इलाके में आमने-सामने आए भारतीय जवान और चीनी सैनिक

लद्दाख के चुमार इलाके में आमने-सामने आए भारतीय जवान और चीनी सैनिक

लद्दाख के चुमार इलाके में आमने-सामने आए भारतीय जवान और चीनी सैनिकज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली/लद्दाख : चीनी सैनिकों ने रविवार को लद्दाख के चुमार इलाके में भारत से सटी सीमा का उल्लंघन करने का फिर प्रयास किया। दक्षिणी लद्दाख के चुमार इलाके में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की यह कोशिश की।

उनकी घुसपैठ के प्रयास को विफल करने के लिए जब आईटीबीपी और सेना के जवानों ने ‘मानव दीवार’ बनाई तो ही वे वापस चले गए।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि लेह के पूर्व में 300 किलोमीटर दूर चुमार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी :पीएलए: की बढी हुई गतिविधियों का केंद्र बिन्दु रहा है। इस क्षेत्र से होकर प्रवेश करने के प्रयास चीन की सेना ने लगातार बढ़ाए हैं।

घुसपैठ के प्रयास का ब्यौरा देते हुए सूत्रों ने कहा कि पीएलए के नौ सैनिक 16 मार्च की सुबह 7 बजे सीमावर्ती इलाके में पहुंचे। उन्हें भारतीय जवानों ने रोका, जिसके बाद पारंपरिक ‘बैनर ड्रिल’ हुई। हालांकि कुछ ही समय में पीएलए के 10 और कर्मी मौके पर पहुंच गए। वे घोड़ों पर सवार थे। वे भारतीय क्षेत्र में आगे बढ़ने के प्रयासों में अपने साथियों के साथ हो लिए। सूत्रों ने कहा कि चीन के सैनिक लगातार कहते आए हैं कि यह उनका क्षेत्र है और वे टिबले क्षेत्र की ओर बढ़ चले जो भारतीय क्षेत्र में पांच किलोमीटर भीतर है।

सूत्रों के मुताबिक अपने इस कदम को समझाते हुए चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों से कहा कि उन्हें पीएलए मुख्यालय से आदेश मिला है कि वे टिबले क्षेत्र में टोही अभियान चलाएं। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैनिकों के और अधिक संख्या में आ जाने के बाद चीन के सैनिक उसी दिन सुबह नौ बजे वापस लौट गए। सर्दियों के दौरान चुमार में चीन के सैनिकों ने लगातार घुसपैठ के प्रयास किए। यह क्षेत्र चीन के साथ लगी परिभाषित अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इस साल पहले कुछ मौकों पर चीन के सैनिकों ने बैनर ड्रिल के दौरान भारतीय जवानों की मानव दीवार को तोड़ने का भी प्रयास किया था।

चुमार को चीन अपने इलाके में मानता है और वह लगभग हर साल हेलीकाप्टर के जरिए लगातार घुसपैठ करता आया है। 2012 में उसने पीएलए के कुछ सैनिक इस क्षेत्र में हेलीकाप्टर से उतारे थे और सेना एवं आईटीबीपी द्वारा बनाये गये अस्थायी भंडारण टेंट नष्ट कर दिये थे। चीन की ओर से इस क्षेत्र की पहुंच नहीं है जबकि भारतीय पक्ष की ओर से अंतिम बिंदु तक सड़क है, जिस पर सेना नौ टन तक का वजन ढोकर ले जा सकती है। पिछले साल दौलत बेग ओल्डी में एक पखवाड़े तक गतिरोध चला था, तब चुमार सुखिर्यों में आया था।

चीन की सेना ने भारतीय पक्ष की ओर बनाए गए ओवरहेड बंकरों पर आपत्ति की थी। गतिरोध समाप्त करने के लिए अप्रैल-मई में हुई ध्वज बैठक के दौरान एक समझौता किया गया, जिसके तहत भारतीय पक्ष को चुमार में कुछ ओवरहेड बंकर नष्ट करने पड़े थे। चुमार में चीन के सैनिक सेना के एक निगरानी कैमरे को 17 जून को उठा ले गए थे। यह कैमरा वहां गश्त करने वाले पीएलए सैनिकों पर नजर रखने के लिए था। कुछ दिन बाद कैमरा लौटा दिया गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published: Wednesday, March 19, 2014, 11:24

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