Last Updated: Sunday, March 2, 2014, 18:40
नई दिल्ली : भ्रष्टाचार निरोधक विधेयकों के लिए अध्यादेश के रास्ते का विरोध करते हुए माकपा ने रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर कहा कि अध्यादेश लाना लोकतंत्र विरोधी और पक्षपातपूर्ण कवायद है।
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने पत्र में लिखा, ‘चुनाव की घोषणा से पूर्व संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के हितों को साधने वाले अध्यादेश लागू करना लोकतंत्र विरोधी और पक्षपातपूर्ण कवायद होगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह के कदम के प्रति अपनी पार्टी का मजबूत विरोध दर्ज कराना चाहूंगा।’ करात के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ऐसे कुछ विधेयकों पर विचार कर रहा है जो हाल ही में संपन्न हुए सत्र के दौरान संसद में नहीं लिए गए।
माकपा नेता ने सरकार पर पिछले पांच साल में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए विधेयकों पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। पार्टी ने दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में कुछ संशोधन लाने के प्रस्ताव के लिए कैबिनेट के कथित फैसले पर भी राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित किया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 2, 2014, 18:40