Last Updated: Saturday, February 8, 2014, 11:17
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली: इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई प्रमुश रंजीत सिन्हा ने बयान से सियासी तूफान खड़ा हो गया है। सीबीआई चीफ ने कहा कि इशरत मामले में चार्जशीट में अमित शाह का नाम होता तो यूपीए सरकार खुश होती। इसी बयान को लेकर बवाल मच गया है। जदयू ने कहा कि तोता पागल हो गया है तो भाजपा ने कहा कि तोते ने पहली बार सही कार्ड निकाला है। इस मामले पर बढ़ते सियासी तूफान के बीच सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा ने ज़ी मीडिया से कहा, मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया, सीबीआई निष्पक्ष और गैर राजनीतिक संस्था है। उन्होंने कहा, इशरत जहां केस में निष्पक्ष जांच हुई है।
गौरतलब है कि इशरत जहां मुठभेड़ मामले संबंधी आरोप पत्र में अमित शाह का नाम शामिल नहीं किया गया है। इस पर भाजपा ने कहा कि गुजरात के इस पूर्व मंत्री के विरूद्ध कांग्रेस का सारा दुष्प्रचार धराशायी हो गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा, सीबीआई ने अमित शाह के खिलाफ इशरत जहां मुठभेड़ मामले में कोई सुबूत नहीं पाया और नतीजतन अपने आरोप पत्र में उसने उनका नाम शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा, पिछले कई साल से कांग्रेस पार्टी ने गुजरात और राष्ट्रीय स्तर पर अमित शाह के खिलाफ इशरत जहां मामले में दुर्भावनापूर्ण, प्रेरित और व्यवस्थित कुप्रचार अभियान चला रखा था। वह अभियान धराशायी हो गया और सच्चाई की जीत हुई।
आरोप पत्र में खुफिया ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी को उल्लिखित किए जाने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर संवदेनशील बहस की जरूरत है। अन्यथा ऐसा नहीं होने पर आशंका है कि भविष्य में खुफिया ब्यूरो को कोई छोटा या बड़ा अधिकारी अथवा अन्य खुफिया कर्मी आतंकी या उनके संरक्षकों के विरूद्ध कोई पहल नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें भय होगा कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले लगाए जा सकते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में यह वास्तविक खतरा बन सकता है।
इशरत जहां मुठभेड़ मामले में हत्या और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों का सामना कर रहे खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व विशेष निदेशक राजिन्दर कुमार ने एक विशेष अदालत का रूख कर पूरक आरोपपत्र की एक प्रति मांगी। इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र में उन्हें भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि, अदालत ने उन्हें यह कहते हुए अगले हफ्ते आने का निर्देश दिया कि सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र की प्रति सत्यापित की जा रही है।
सीबीआई ने 2004 के मुठभेड़ मामले में उन्हें हत्या और आपराधिक साजिश रचने में आरोपित किया है, जबकि अन्य तीन सेवारत अधिकारियों पर आपराधिक साजिश रचने तथा अन्य आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह को छोड़ दिया गया, जो इस मामले में जांच के दायरे में थे।
First Published: Saturday, February 8, 2014, 11:09