Last Updated: Friday, November 1, 2013, 21:40
नई दिल्ली : अमेरिकी पत्रकार गैरी बैस द्वारा लिखी गयी नयी किताब ‘द ब्लड टेलीग्राम’ में खुलासा किया गया है कि 1971 में जब भारत पाकिस्तान से जंग लड़ने के लिए तैयार हो रहा था उस वक्त इस्राइल ने गुपचुप तरीके से भारत को हथियार और उन्हें चलाना सिखाने वाले लोग मुहैया कराए थे।
इस्राइल ने भारत को ऐसे समय में हथियार मुहैया कराए जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध भी नहीं थे। साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद ही बांग्लादेश एक नया देश बना था। ‘द ब्लड टेलीग्राम’ में मुख्य तौर पर यह लिखा गया है कि पाकिस्तान के सैन्य शासक याह्या खान द्वारा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में किए जा रहे दमन से अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने किस तरह आंखें फेर ली थीं।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव पी एन हक्सर के दस्तावेजों के हवाले से किताब में बताया गया है कि इस्राइल द्वारा भारत को हथियार मुहैया कराना पूर्वी पाकिस्तान में दखल से पहले विश्व समुदाय को अपने पक्ष में करने की दिशा में भारत की छोटी सी कामयाबी थी।
बैस ने लिखा, ‘भारत के कूटनीतिक संबंध इस यहूदी देश से नहीं थे और हक्सर तथा कई अन्य भारतीय नेता इसे लेकर काफी बेपरवाह रवैया अपनाते थे।’ किताब में लिखा गया, ‘पर जुलाई 1971 में इस्राइल की प्रधानमंत्री गोल्डा मीर ने गुप्त तरीके से एक इस्राइली हथियार निर्माता से कहा कि वह भारत को कुछ मोर्टार और हथियार मुहैया कराए और साथ ही उन्हें चलाने का प्रशिक्षण देने वाले कुछ लोग भी दे। जब हक्सर ने समर्थन के लिए इस्राइल पर जोर डाला तो मीर ने मदद जारी रखने का वादा किया।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, November 1, 2013, 21:40