मौत की सजा से बच सकते हैं इतालवी मरीन

मौत की सजा से बच सकते हैं इतालवी मरीन

नई दिल्ली : केरल के तट के पास दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दोनों इतालवी मरीन मौत की सजा से बच सकते हैं क्योंकि गृह मंत्रालय ने उन्हें मौत की सजा दिए जाने पर जोर नहीं देने को लेकर आज सहमति जतायी। उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने यहां एक बैठक के दौरान अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती को इस रूख से अवगत कराया। मंत्रालय की राय है कि दोनों के खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत सुनवाई हो लेकिन मौत की सजा संबंधी प्रावधान लागू नहीं किए जाएं। सूत्रों ने बताया कि अब गेंद एजी के पाले में है। उनके जल्दी ही अपने विचार देने की संभावना है।

एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने सरकार से दो इतालवी मरीनों पर समुद्री डकैती विरोधी कानून लगाने के मुद्दे से जुड़े सभी विवादों को एक हफ्ते के भीतर सुलझाने को कहा था। गृह मंत्रालय का यह रूख इटली के समक्ष भारत द्वारा जतायी गयी इस प्रतिबद्धता के अनुरूप है कि दोनों के खिलाफ मौत की सजा से जुड़े प्रावधान लागू नहीं किए जाएंगे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दोनों मरीनों मैसिमिलियानो लाटोर तथा सल्वाटोर गिरोन के खिलाफ एसयूए के तहत अभियोजन के लिए अनुमति मांगी है। एसयूए के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी की मौत का कारण बनता है तो उसे भी मौत की सजा मिलेगी।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कल केंद्र से इस मुद्दे पर बने गतिरोध को 10 फरवरी तक खत्म करने और रूख स्पष्ट करने को कहा। इस मुद्दे से कानून, गृह और विदेश मंत्रालय जुड़े हैं। अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने पीठ से कहा कि केंद्र लगभग मुद्दे को सुलझा चुका है और वह सुनवाई की अगली तारीख को जवाब देगा। शीर्ष अदालत ने बीस जनवरी को पिछली सुनवाई के दौरान वाहनवती के यह कहने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी थी कि केंद्र मुद्दे पर इटली सरकार के साथ सभी विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 5, 2014, 00:06

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