Last Updated: Tuesday, February 18, 2014, 19:07

रोम : इटली ने भारत में मुकदमे का सामना कर रहे दो इतालवी नौसैनिकों के मामले में दबाव बढ़ाते हुए नई दिल्ली में अपने राजदूत को वापस बुला लिया और भारतीय अधिकारियों के रवैये को ‘संदिग्ध तथा गैरजिम्मेदाराना’ बताया।
इस बीच नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इटली ने विदेश मंत्रालय को इस कदम के बारे में नहीं बताया है।
उन्होंने कहा, ‘अगर वे राजदूत को परामर्श के लिए बुला रहे हैं तो इटली की सरकार द्वारा विदेश मंत्रालय को सूचित करने की जरूरत नहीं है।’ राजदूत को वापस बुलाने के इटली के फैसले की घोषणा करते हुए इतालवी विदेश मंत्री एमा बोनिनो ने कहा, ‘इटली की सरकार ने भारत में अपने राजदूत डेनियल मेंचिनी को परामर्श के लिए तत्काल बुलाने का आदेश दिया है।’ नई दिल्ली में उच्चतम न्यायालय ने हत्या के आरोपों का सामना कर रहे इतालवी मरीन मासिमिलानो लातोरे तथा सल्वातोरे गिरोने के मामले में सुनवाई 24 फरवरी तक स्थगित कर दी है, जिसके कुछ ही घंटों के बाद इटली का यह फैसला आया। पहले सुनवाई आज होनी थी।
बोनिनो ने कहा, ‘इटली का मुख्य उद्देश्य दोनों नौसैनिकों की समय पर स्वदेश वापसी सुनिश्चित करना है। मामले से निपटने में भारत की असमर्थता के चलते इटली अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार एक संप्रभु देश के नाते अपने अधिकारों के लिए प्रतिबद्धता को जारी रखेगा और तेज करेगा।’ इटली की संवाद समिति अनसा की खबर के अनुसार नौसैनिकों के मुद्दे को देख रहे इतालवी सरकार के दूत स्टाफन डि मिस्चुरा ने नौसैनिकों के मुद्दे पर कहा, ‘इस परिस्थिति से निपटने के लिए रोम आने वाले कुछ घंटों में फैसला करेगा।’
राजदूत को वापस बुलाने के फैसले को जायज ठहराते हुए इतालवी रक्षा मंत्री मारियो माउरो ने कहा, ‘इटली के राजदूत को वापस बुलाने का इटली की सरकार का फैसला न केवल न्यायसंगत है बल्कि अपरिहार्य है और हमारे नागरिकों की भावना को झलकाता है।’ लातोरे और गिरोने पर फरवरी, 2012 में दो भारतीय मछुआरों की कथित तौर पर हत्या के मामले में मुकदमा चल रहा है। इटली ने इस मामले को यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के साथ भी उठाया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 18, 2014, 19:04