Last Updated: Saturday, November 16, 2013, 20:19
नई दिल्ली : आंध्रप्रदेश को एकजुट रखने के प्रयास के तहत वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने तेलंगाना विधेयक को संसद में परास्त करने के लिए आज वामपंथी नेताओं से समर्थन मांगा।
एकीकृत आंध्रप्रदेश के समर्थन के लिए राजनीतिक दलों का समर्थन जुटाने की खातिर राष्ट्रव्यापी दौरे के तहत जगन मोहन ने आज भाकपा महासचिव सुरवाराम सुधाकर रेड्डी और माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी से अलग-अलग मुलाकात की। भले ही भाकपा ने वाईएसआर कांग्रेस के साथ एकजुटता दर्शाने से इंकार कर दिया लेकिन माकपा ने राज्यों के विभाजन के खिलाफ अपना रूख बनाए रखा।
दो वामपंथी नेताओं से मुलाकात के बाद जगन मोहन ने आंध्रप्रदेश के बंटवारे के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि इससे खराब परम्परा की शुरूआत होगी और केंद्र की सरकार ‘अपने राजनीतिक लाभ’ के लिए राज्यों का बंटवारा करने लगेंगी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आज यह आंध्रप्रदेश के साथ हुआ, कल यह बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के साथ हो सकता है। लोकसभा में 272 के बहुमत के साथ कोई भी राज्यों का बंटवारा कर सकता है।’ भाकपा महासचिव के साथ मुलाकात के दौरान जगन मोहन ने कहा कि आंध्रप्रदेश की 75 फीसदी जनता राज्य के प्रस्तावित बंटवारे के खिलाफ है।
सुधाकर रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘वह चाहते हैं कि हम अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। लेकिन हमने कहा कि तेलंगाना का बंटवारा होना चाहिए और अलग राज्य बनना चाहिए।’ जगन मोहन के साथ बैठक का विस्तृत ब्यौरा देते हुए भाकपा नेता ने कहा कि जगन मोहन ने अनुच्छेद तीन के दुरूपयोग की आशंका जताई जिसमें केंद्र को राज्यों के बंटवारे का अधिकार दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 16, 2013, 20:19