धारा 370 विवाद: RSS ने कहा-भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है जम्‍मू-कश्‍मीर, उमर की पैतृक संपत्ति नहीं

धारा 370 विवाद: RSS ने कहा-भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है जम्‍मू-कश्‍मीर, उमर की पैतृक संपत्ति नहीं

धारा 370 विवाद: RSS ने कहा-भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है जम्‍मू-कश्‍मीर, उमर की पैतृक संपत्ति नहींज़ी मीडिया ब्‍यूरो/बिमल कुमार

नई दिल्‍ली : नरेंद्र मोदी सरकार में नवनियुक्‍त प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह की ओर से अनुच्छेद 370 को लेकर दिए गए बयान पर उठा राजनीतिक तूफान थमता नजर नहीं आ रहा है। अब इस क्रम में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी मैदान में कूद पड़ी है। हालांकि, जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर जितेंद्र सिंह के बयान से उठे विवाद पर सरकार ने सफाई दी कि वह इस मुद्दे पर नियम कायदों के अनुरूप रुख अपनाएगी।

जम्‍मू कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला पर प्रहार करते हुए संघ ने कहा है कि अनुच्छेद 370 रहे या न रहे, जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और आगे भी रहेगा। गौर हो कि उमर अब्‍दुल्‍ला ने मंगलवार को ट्वीट में चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि या तो अनुच्छेद 370 मौजूद रहेगा या जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं रहेगा।

उमर के ट्वीट का जवाब देते हुए संघ के नेता राम माधव ने आज सुबह एक ट्वीट के जरिये दिया। उन्होंने लिखा, `जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा? क्या उमर इसे अपनी पैतृक संपत्ति समझते हैं? अनुच्छेद 370 रहे न रहे, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा। जितेंद्र सिंह के बयान को अधिक तूल न दें।

गौर हो कि जितेन्द्र सिंह के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 के गुण दोषों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है। राज्य में समाज के हर वर्ग के साथ संपर्क करके उन लोगों को समझाने के प्रयास किए जाएंगे जो ‘असहमत’ हैं। उनके इस बयान के बाद विवाद खासा बढ़ गया।

सिंह ने कल कहा था कि बीजेपी अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में है जो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देता है लेकिन साथ ही पार्टी लोगों को समझाना चाहती है और इस मुद्दे के दीर्घकालिक समाधान के लिए लोकतांत्रिक तरीका अपनाएगी। सिंह ने कहा कि प्रदेश भाजपा अनेक पक्षों से बात कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने कश्मीर घाटी में बैठकें बुलाई हैं और हमने उनमें से कुछ को मनाने में सफलता हासिल की है। सिंह ने यह भी कहा था कि मोदी ने पिछले साल राज्य में एक रैली में धारा 370 पर चर्चा का मुद्दा उठाया था और इसके गुण दोषों पर राज्य भर में सेमिनार आयोजित करने का सुझाव दिया था। सिंह ने मोदी की उस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उनकी (मोदी की) और सरकार की इच्छा है कि हम इस पर चर्चा करें जिससे कि हम धारा 370 से हो रहे नुकसान के बारे में असहमत लोगों को समझा सकें।

गौर हो कि अनुच्छेद 370 को लेकर जितेंद्र सिंह के बयान के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य विपक्षी पीडीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सिंह के बयान पर उमर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि अनुच्छेद 370 राज्य और शेष देश के बीच ‘एकमात्र संवैधानिक कड़ी’ है। वहीं, पीडीपी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के संबंध में सिंह का बयान गंभीर नुकसान पहुंचाये, उससे पहले प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को सिंह पर लगाम कसनी चाहिए। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सिंह को समझना चाहिए कि जूनियर मंत्री के तौर पर उनके नये पद की कुछ जिम्मेदारियां हैं और प्रधानमंत्री को चाहिए कि उन्हें अनुशासित करने के लिए हस्तक्षेप करें। पीएमओ को जम्मू कश्मीर की जनता को आश्वस्त करने के लिए स्पष्ट करना चाहिए कि उसे कोई नुकसान नहीं होगा।

उधर, सरकार ने जितेंद्र सिंह के बयान से उठे विवाद को कमतर करने का प्रयास किया और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बाद में कहा कि हम इस पर विचार करेंगे। आपने देखा था कि हमने चुनाव प्रचार के दौरान क्या कहा था। सरकार इस पर नियम कायदों के अनुरूप विचार करेगी।

First Published: Wednesday, May 28, 2014, 10:55

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