Last Updated: Friday, October 11, 2013, 20:08

नई दिल्ली: माकपा ने शुक्रवार को कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बचाने का प्रयास किया गया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा को घोटाले के लिए अकेले जिम्मेवार नहीं ठहराया जाना चाहिए। यह घोटाला मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों को बाजार दर से कम पर आवृत्ति आवंटित किए जाने से संबंधित है।
राज्यसभा के सदस्य येचुरी ने कहा कि मेरी असहमति नोट का मुख्य निष्कर्ष यह है कि राजा को अकेले जिम्मेवार नहीं ठहराया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री की मिलीभगत को सामने नहीं लाया गया। येचुरी ने 27 सिंतबर को अपनी असहमति सौंप दी थी।
डीएमके की इस दलील से कि राजा को जानबूझ कर बलि का बकरा बनाया गया है, से असहमति जताते हुए येचुरी ने यह भी कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष उपलब्ध सामग्री के आधार पर राजा को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता। यह सही नहीं होगा।
अपने नोट को `वास्तव में समानांतर रिपोर्ट` करार देते हुए येचुरी ने कहा कि आप दो में से (प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री) किसी एक को भी दोषमुक्त नहीं कह सकते और पूरे घोटाले में मिलीभगत से बरी नहीं कर सकते। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 11, 2013, 20:08