Last Updated: Thursday, January 2, 2014, 08:41

नई दिल्ली : न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) ए के गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की जांच के लिए प्रेसिडेंशियल रेफरेंस ( केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति द्वारा राय के लिए उच्चतम न्यायालय को भेजा जाने वाला मामला) भेजने पर फैसला आज कर सकती है । गृह मंत्रालय आज कैबिनेट के समक्ष ‘नोट’ पेश करेगा । इस बारे में कैबिनेट विचार करेगी । गृह मंत्रालय एटार्नी जनरल जी ई वाहनवती की राय भी पेश करेगा, जिन्होंने कहा है कि गांगुली के खिलाफ मामला बन सकता है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज इस मुद्दे पर चर्चा के साथ इसपर अंतिम मुहर भी लगाई जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज गांगुली के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को लिखी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी के तर्कों से केंद्र भी सहमत है। लिहाजा वह गांगुली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से जांच के लिए प्रेसीडेंशियल रेफरेंस के प्रस्ताव से सहमत है। ऐसे में उसे कैबिनेट की हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि एक बार कैबिनेट में प्रस्ताव मंजूर होने पर इसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग संबंधी पत्र राष्ट्रपति को भेजे जाने के बाद एटार्नी जनरल की राय मांगी गयी थी ।
गांगुली पर एक महिला इंटर्न के साथ अशोभनीय बर्ताव का आरोप लगा है हालांकि न्यायमूर्ति गांगुली ने आरोप से इंकार करते हुए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटने से मना किया है ।
सूत्रों ने कहा कि एटार्नी जनरल से तीन मुद्दों पर राय मांगी गयी थी कि इन्हें लेकर कोई मामला बन सकता है या नहीं। ये मुद्दे हैं, गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीडन का आरोप, पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित किये बिना उनकी पाकिस्तान यात्रा और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर होने के बावजूद अखिल भारतीय फुटबाल फेडरेशन की मध्यस्थता का मामला लिया । (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 2, 2014, 08:41