Last Updated: Tuesday, December 10, 2013, 17:51

कोलकाता : पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बढ़ते दबाव से बेअसर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली ने मंगलवार को इससे इंकार किया।
संवाददाताओं ने जब उनसे पूछा कि क्या वह अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं क्योंकि वह पिछले तीन दिन से अपने कार्यालय नहीं गए हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं, वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। इससे पूर्व उन्होंने कहा कि वह वही करेंगे, जो उन्हें करना है। एक लॉ इंटर्न द्वारा उनके खिलाफ की गई यौन प्रताड़ना की शिकायत के बाद उच्चतम न्यायालय के एक पैनल द्वारा उन्हें आरोपित किया गया है। आज सुबह की सैर के लिए निकले गांगुली पर जब संवाददाताओं ने सवालों की बौछार की तो वह चिढ़कर बोले, मैं आपके किसी सवाल का जवाब नहीं दूंगा। मैं वही करूंगा, जो मुझे करना है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस है। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली अभी डब्ल्यूबीएचआरसी के प्रमुख बने हुए हैं। सर, प्लीज अपने पद का मखौल न बनाएं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई राजनीतिक नेताओं ने गांगुली के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बनर्जी ने दो बार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर गांगुली के खिलाफ शीघ्र उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
गांगुली, जो शीर्ष अदालत से एक वर्ष से भी अधिक समय पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, पर एक लॉ इंटर्न ने आरोप लगाया है कि पिछले साल दिल्ली में होटल के एक कमरे में गांगुली ने उसका यौन शोषण किया। न्यायाधीश ने इस आरोप से कतई इंकार किया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 10, 2013, 17:51