केजरीवाल का पार्टी में सभी मतभेदों को सुलझाने का दावा

केजरीवाल का पार्टी में सभी मतभेदों को सुलझाने का दावा

नई दिल्ली : आंतरिक कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज पार्टी के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क साधने का प्रयास करते हुए पार्टी के ढांचे में बदलाव की पेशकश की और दावा किया कि नेताओं के बीच सभी मतभेदों को सुलझा लिया गया है।

आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन केजरीवाल ने दावा किया कि सबकुछ सही चल रहा है और जल्दी संगठन में बदलाव होगा जिसमें पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्माता इकाई ‘राजनीतिक मामलों की समिति’ (पीएसी) के विस्तार की संभावना शामिल है।

बैठक में पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया और यह ऐसे समय में हो रही है जब केजरीवाल की कार्यशैली को लेकर आप के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने सवाल खड़े किए हैं।

केजरीवाल ने कहा, इस्तीफों पर कल विचार किया जाएगा। सबकुछ ठीक चल रहा है और मतभेद सुलझा लिए गए हैं। हम संगठन के ढांचे पर विचार विमर्श कर रहे हैं। पीएसी का विस्तार संभव है। आप नेता ने कहा कि शाजिया इल्मी को पार्टी में वापस लाने के प्रयास भी किये जाएंगे। शाजिया ने पिछले महीने केजरीवाल की कार्यशैली पर विरोध जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देशभर से पार्टी नेताओं ने भाग लिया। लोकसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन और भविष्य की रणनीति के लिहाज से बैठक बुलाई गयी है। आगे की रणनीति में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी शामिल हैं।

आप नेता यादव और मनीष सिसौदिया के बीच पत्रों के आदान-प्रदान के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मतभेद सामने आये। कई अन्य नेता भी केजरीवाल के काम करने के तरीके से नाराज हैं और वे उन्हें तानाशाह बताते हैं। केजरीवाल ने आज ट्वीट किया, योगेंद्र यादव ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। हम सभी इस पर काम करेंगे। योगेंद्र यादव बहुत अच्छे मित्र और सम्मानित सहयोगी हैं। उनके साथ लंबी लंबी चर्चा हुईं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, हम शाजिया को भी वापस लाने की कोशिश करेंगे। आम आदमी पार्टी के अहम रणनीतिकार माने जाने वाले यादव और शाजिया ने हालिया लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद केजरीवाल की तीखी आलोचना की थी।

आप की पीएसी से इस्तीफा दे चुके यादव ने पार्टी में व्यक्ति पूजा का आरोप लगाया था। केजरीवाल के करीबी सहयोगी सिसौदिया ने यादव पर पलटवार करते हुए उन पर आरोप लगाया कि वह आप प्रमुख पर निशाना साध रहे हैं और आंतरिक मामलों को सार्वजनिक कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 28 सीटें जीतकर जबरदस्त सफलता हासिल की थी और कांग्रेस के समर्थन से सरकार भी बनाई थी। लेकिन केजरीवाल ने 49 दिन बाद जनलोकपाल विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा पर असहयोग का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

इसके बाद पार्टी लोकसभा चुनाव में उतरी और 420 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये लेकिन उसे केवल पंजाब में चार सीटों पर जीत हासिल हो सकी। दिल्ली में भी आप को एक सीट नहीं मिली जिसके बाद से केजरीवाल अपनी पार्टी के अंदर ही तमाम तरह की आलोचनाओं से घिरे हुए हैं।

(एजेंसी)

First Published: Saturday, June 7, 2014, 22:29

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