मोदी को हराने के लिए बनारस से लडूंगा चुनाव : केजरीवाल

मोदी को हराने के लिए बनारस से लडूंगा चुनाव : केजरीवाल

मोदी को हराने के लिए बनारस से लडूंगा चुनाव : केजरीवालनई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी से वाराणसी में सीधी टक्कर लेने जा रहे आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश की इस सीट से ‘प्रतीकात्मक लड़ाई’ नहीं बल्कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को हराने के लिए चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि वह बनारस ने चुनाव लड़ेंगे। इसीलिए मैं भी बनारस जा रहा हूं। हम वहां जनता से पूछेंगे कि क्या मुझ मोदी के विरूद्ध चुनाव लड़ना चाहिए। अगर वह ‘हां’ कहते हैं तो मैं इसके लिए तैयार हूं।’ आप नेता ने कहा कि वह अखबारों और वेबसाइट में पढ़ रहे हैं कि यह एक प्रतीकात्मक लड़ाई होगी। ‘मैं आप से कह देना चाहता हूं कि हम वहां चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं, बल्कि मोदी को हराने जा रहे हैं।’ वह ‘रोडमैप टू इंडियन मुस्लिम’ विषय पर यहां आयोजित एक सम्मेलन में अपनी बात रख रहे थे। केजरीवाल ने वहां उपस्थित लोगों से, जिनमें अधिकतर आप समर्थक अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे, कहा कि वे इस लड़ाई में उनके साथ बनारस में शामिल हों।

केजरीवाल के यह कहते ही कि वह मोदी को हराएंगे, भीड़ ने नारे लगाने शुरू कर दिए, ‘अभी तो शीला हारी हैं, मोदी तेरी बारी है।’ उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां भ्रष्ट आचरण और साम्प्रदायिक राजनीति में लगी हैं और इसमें सबसे आगे भाजपा और कांग्रेस हैं।

आप नेता ने कहा, ‘सभी पार्टियां एक जैसी हैं। वे भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिक राजनीति में जुटी हैं, लेकिन इन सबकी अगुवा कांग्रेस और भाजपा हैं। इन पार्टियों को हराना जरूरी है..संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि इनके नेताओं को हरा कर। राहुल गांधी और नरेन्द्र मोदी को हराना जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, राहुल को हराने के लिए आप ने कुमार विश्वास को अमेठी भेजा है जो पिछले तीन महीने से वहां डटे हुए हैं। उन पर रोज हमले हो रहे हैं, लेकिन वह बहुत मजबूत हैं और पीछे हटने वाले नहीं हैं।

केजरीवाल ने कहा कि भाजपा का यह दावा कि मोदी को वोट देना स्थिरता को लाना होगा तब तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सबसे ज्यादा स्थिरता दी है। उन्होंने कहा, ‘जब मैं बेंगलुरू में था तो लोगों ने मुझसे कहा कि मैं भाजपा के वोट काटूंगा। अगर मोदी आए तो वह स्थिरता देंगे। तब मैंने कहा कि अगर आप स्थिरता चाहते हैं तो डा मनमोहन सिंह ने पिछले 10 साल में सबसे अधिक स्थिरता दी है। लोग स्थिरता नहीं चाहते, वे सुरक्षा और न्याय चाहते हैं।’

उनके अनुसार एक या दो साल में चुनाव होने पर भी स्थिरता आएगी। लेकिन ये पार्टियां स्थिरता के नाम पर भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता फैलाएंगी जो अस्वीकार्य है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 18, 2014, 21:03

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