Last Updated: Tuesday, October 29, 2013, 11:00

चेन्नई : कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएनपीपी) की पहली इकाई ने सोमवार को अपनी क्षमता से औसतन 20 फीसदी विद्युत की आपूर्ति दक्षिणी ग्रिड को की। यह जानकारी मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में सामने आई।
पॉवर सिस्टम आपरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड के मुताबिक 1,000 मेगावाट क्षमता वाली यह इकाई 25 अक्टूबर की रात दोबारा ग्रिड से जुड़ी थी और 28 अक्टूबर को औसतन 200 मेगावाट और 27 अक्टूबर को 188 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हुआ था। पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विद्युत ग्रिडों का संचालन करती है जो कि पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी है।
केएनपीपी इकाई को विद्युत ग्रिड से पहली बार 21 अक्टूबर को आधी रात के बाद 2.45 बजे जोड़ा गया था और इस दौरान 75 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हुआ था। इसके लगभग दो घंटे बाद 160 मेगावाट का उत्पादन हुआ था। 25 अक्टूबर को रात 9.43 बजे केएनपीपी को ग्रिड से दोबारा जोड़ा गया था और 160 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हुआ था। विद्युत क्षेत्र के अधिकारियों के अनुसार, अभी केएनपीपी से उत्पादित बिजली कमजोर है और उसकी आपूर्ति तमिलनाडु में ही की जाएगी। व्यवसायिक रूप से संचालित किए जाने की घोषणा के बाद विद्युत आपूर्ति अन्य दक्षिणी राज्यों में की जाएगी।
भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) 1,000 मेगावाट क्षमता वाले दो रूसी संयंत्र तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में स्थापित कर रहा है। इस पूरी परियोजना के लिए 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है।
संयंत्र की पहली इकाई जुलाई 2013 में महत्वपूर्ण चरण में पहुंची थी, जिसके बाद उसमें परमाणु विखंडन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ने अगस्त महीने में रिएक्टर की क्षमता 50 फीसदी बढ़ाने और इकाई को विद्युत ग्रिड से जोड़ने की केएनपीपी को अनुमति दे दी थी। न्यूक्लियर पावर कार्पोरेश्न ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इससे पहले अगस्त के अंत तक इकाई को ग्रिड से जोड़ने और 400 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने की बात कही थी। लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 29, 2013, 11:00