`लॉ इंटर्न का हलफनामा सहमति से सार्वजनिक किया`

`लॉ इंटर्न का हलफनामा सहमति से सार्वजनिक किया`

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके गांगुली के खिलाफ आरोप लगाने वाली ‘लॉ इंटर्न’ के हलफनामे को सार्वजनिक करने में मुख्य भूमिका निभाने वाली एक वरिष्ठ महिला विधि अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि पीड़िता की सहमति से ऐसा किया गया।

अतिरिक्त सालिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने कहा कि इंटर्न की इसमें सहमति थी और उनके जरिए मीडिया में जो कुछ प्रकाशित किया गया वह शब्दश: वही है जैसा कि उसने शीर्ष न्यायालय की तीन सदस्यीय समिति के समक्ष दाखिल हलफनामे में कहा था। वह न्यायमूर्ति गांगुली के इन आरोपों का जवाब दे रही थी जिसके तहत कहा गया था कि निहित हितों के चलते उनकी छवि धूमिल करने की स्पष्ट रूप से साजिश रची गई है।

हालांकि, प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम को पूर्व न्यायाधीश द्वारा लिखे गए पत्र में लगाए गए आरोपों में पड़ने से इनकार करते हुए उन्होंने यह बात कही। साथ ही, कहा कि इसकी जांच करना प्रधान न्यायाधीश पर निर्भर है। एएसजे ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है क्योंकि पत्र प्रधान न्यायाधीश को लिखा गया है। उन्होंने कहा कि मैंने पत्र की पूरी विषय वस्तु को नहीं देखा है, इसलिए इस पर टिप्पणी करना मेरे लिए जल्दबाजी होगी। हालांकि, मैंने पाया कि वह इस बात को लेकर आश्यर्यचकित हैं कि मैं इस पत्र को जारी करने के लिए कैसे अधिकृत हूं। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 23, 2013, 19:12

comments powered by Disqus