Last Updated: Sunday, March 23, 2014, 15:34

नई दिल्ली : भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर जसवंत सिंह द्वारा बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी के बीच पार्टी नेता अरण जेटली ने रविवार को कहा कि नेताओं को सुविधाएं प्राप्त करने के बाद कई बार ‘नहीं’ को भी कबूल करना चाहिए।
जेटली ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि राजनीतिक दल की सदस्यता प्राप्त होना एक विशेषाधिकार है। यह खुद को संयमित रखने की भी प्रक्रिया है जहां निजी विचारों और महत्वाकांक्षाओं को पार्टी के सामूहिक सोच को समर्पित कर दिया जाता है। कई बार पार्टी में विशेषाधिकार और पद रखने वाले नेताओं की अधिकता हो सकती है। कुछ अन्य मौकों पर नेता को अपनी आकांक्षाओं के जवाब में ‘नहीं’ सुनना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी नेता को टिकट नहीं दिया गया है तो उसे ‘मुस्कराहट’ के साथ फैसले को कबूल कर लेना चाहिए। जेटली ने जसवंत सिंह का नाम तो नहीं लिया लेकिन जाहिर तौर पर उनका संदर्भ लेते हुए कहा कि यह उनकी निष्ठा और अनुशासन की परीक्षा है। हमेशा संयम और मौन को तरजीह दी जानी चाहिए। मौन हमेशा गौरवपूर्ण होता और सादगीपूर्ण होता है।
अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे जेटली ने कहा कि चुनाव के मौसम में पार्टी का टिकट पाने के इच्छुक कई नेताओं को सफलता मिल जाती है और कई रह जाते हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लाखों नेताओं के सहयोग से राजनीतिक दल का निर्माण होता है जिन्होंने पद पाने की आकांक्षा के बिना अपना समय और उर्जा कुर्बान कर दी। जब सफल राजनीतिक कॅरियर के बाद कोई पार्टी किसी वक्त एक नेता को जगह नहीं दे पाती तो ऐसे में उनके अनुशासन और राजनीतिक निष्ठा की परीक्षा होती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 23, 2014, 15:34