नेताओं की टिप्पणियां भड़का रही असम दंगे: ममता

नेताओं की टिप्पणियां भड़का रही असम दंगे: ममता

नेताओं की टिप्पणियां भड़का रही असम दंगे: ममताकोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को असम में दंगों पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया कि शीर्ष पद के एक महत्वाकांक्षी सहित चंद राजनीतिक व्यक्तियों की ‘‘कुछ खास टिप्पणियां’’ आग में घी डालने का काम कर रही हैं।

ममता ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम लिये बगैर उनकी ओर इशारा करते हुए फेसबुक पर कहा, ‘‘उनकी भाषा नियंत्रित होनी चाहिए और उन्हें वहां आग से राजनीति नहीं खेलनी चाहिए जहां निर्दोषों की जिंदगी शामिल है।’’ नरेंद्र मोदी ने आज बांकुड़ा में एक चुनावी जनसभा में कहा कि वोटबैंक की राजनीति के लिए देश में प्रवेश पाये बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस जाना पड़ेगा जबकि धार्मिक आधार पर बांग्लादेश से बाहर किये गये शरणार्थियों का स्वागत किया जाएगा।

मोदी ने इससे पहले कहा था, ‘‘भाजपा की स्थिति बहुत साफ है, वोटबैंक की राजनीति ने देश को बर्बाद कर दिया है.. जो बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं उन्हें वापस जाना पड़ेगा।’’ सभी राजनीतिक दलों से इस घटना का राजनीतिकरण नहीं करने का अनुरोध करते हुए ममता ने कहा, ‘‘मैं असम में हिंसा के बारे में बहुत हैरान हूं जहां बांग्ला भाषी अल्पसंख्यकों और आदिवासी भाइयों की बर्बरता से हत्या कर दी गई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

ममता ने अपने संदेश में कहा, ‘‘हम चिंतित हैं क्योंकि असम हमारी सीमा से सटा राज्य है। हमने अतीत में प्रभावित लोगों को मदद और शरण दी है। मानवीय आधार पर, हमारा दरवाजे अब भी प्रभावित लोगों की मदद के लिए खुले हैं।’’ हालांकि उन्होंने साथ ही असम और केन्द्र सरकारों की चुप्पी पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया कि ‘‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग आदि जैसे वैधनिक संस्थाओं द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।’’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, May 4, 2014, 18:43

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