लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित

लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित

नई दिल्ली: तेलंगाना गठन के विरोध और भारतीय मछुआरों को श्रीलंका के कैद से रिहा कराने जैसे अन्य मामले पर हुए हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन और राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी सरकार की कथित असफलता का जिक्र करते हुए लिखे गए पत्र पर विरोधस्वरूप तख्ती दिखाने लगे।

इधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में राहत शिविरों में बच्चों की मौत का मामला उठाया। तमिलनाडु के सांसदों ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी की निंदा की। सीमांध्र के सांसदों ने तेलंगाना के गठन का भी विरोध जारी रखा।

इस हंगामे के बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ। हालांकि, आम तथा रेलवे बजट 2013-14 के अतिरिक्त मांग को पारित कर दिया गया।

हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इधर, राज्यसभा में भी बसपा नेताओं ने मुजफ्फरनगर में दंगा पीड़ितों के लिए खुले शिविरों के बंद होने की शिकायत की। हंगामे के बीच इसे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विरोध और हंगामा जारी रहा। बसपा सांसद सभापति की आसंदी के नजदीक पहुंच गए और उत्तर प्रदेश सरकार के इस्तीफे की मांग करने लगे।

जद-यू नेता अपनी सीट से उठ खड़े हुए और शिंदे द्वारा नीतीश को लिखे गए पत्र का विरोध करने लगे। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने यहां भी भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठाया जबकि तेलगू देशम पार्टी (तेदपा) सांसद ने संयुक्त आंध्र के समर्थन में नारेबाजी की। शोरगुल के बीच ऊपरी सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 12, 2013, 15:25

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